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Agriculture News: इमली के फल अप्रैल-मई के बीच पकते हैं, जो इसका सबसे कीमती हिस्सा होता है. यही गूदा बाजार में सबसे ज्यादा दाम पर बिकता है. अगर वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से इसकी खेती की जाए, तो एक बार लगाया गया पौधा करीब 50 साल तक फल देता है.
सतना. हल्की ठंड का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में किसानों के लिए इमली की खेती इस बार अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. नवंबर का महीना इस पौधे को लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस समय मिट्टी में नमी और तापमान दोनों अनुकूल होते हैं. यही वजह है कि अब यह खेती पारंपरिक फसलों की तुलना में एक बेहतर और लंबे समय तक मुनाफा देने वाला विकल्प बनती जा रही है. दरअसल नवंबर से फरवरी तक का समय इमली के पौधे लगाने के लिए आदर्श होता है. इसके लिए पहले बीज तैयार करना जरूरी है. बीजों को अंकुरित करने के बाद इन्हें एक इंच गहराई में बोया जाता है. शुरुआती चरण में बड़ा गमला या नर्सरी बैग इस्तेमाल करना चाहिए ताकि पौधे की जड़ें मजबूत हो सकें. मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिलाने से पौधा जल्दी बढ़ता है.
खेती में ध्यान देने वाली बातें
उन्होंने कहा कि इमली का पेड़ बड़ा होता है, इसलिए पौधों के बीच कम से कम 5×5 मीटर की दूरी रखना जरूरी है. खेत तैयार करते समय गड्ढों में जैविक खाद डालें और पौधों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग लगाएं क्योंकि इसकी कोमल पत्तियां पशु खाते हैं, जिससे वृद्धि प्रभावित होती है. नियमित सिंचाई और देखरेख से पौधे 4-5 साल में फल देने लगते हैं.
फसल और कमाई की संभावना
इमली के फल अप्रैल से मई के बीच पकते हैं, जो इसका सबसे कीमती हिस्सा होता है. यही गूदा बाजार में सबसे अधिक दाम पर बिकता है. यदि वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से खेती की जाए, तो एक बार लगाया गया पौधा 50 साल तक फल देता है. यह खेती न केवल कम लागत वाली है बल्कि किसानों को लंबे समय तक आय का स्थायी स्रोत भी प्रदान करती है.
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि इमली की खेती आने वाले वर्षों में सतना और आसपास के क्षेत्रों के किसानों के लिए आर्थिक बदलाव का जरिया बन सकती है. यह एक ऐसी फसल है, जिसमें मेहनत कम और मुनाफा अधिक है. पारंपरिक खेती से हटकर इमली की ओर रुख करना अब सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि आने वाले समय की समझदारी भरा कदम साबित हो सकता है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
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