नींद के लिए दवा से बेहतर काम करता है योग और ताई ची, वैज्ञानिकों ने रिसर्च में किया प्रूव, कई और परेशानियां भी होगी दूर

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Yoga, Tai Chi Benefits: एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अगर आपको सुकून की नींद नहीं आ रही है तो इसके लिए दवा से ज्यादा असरदार यह है कि आप योग करें.

हाइलाइट्स

  • योग और ताई ची नींद के लिए दवा से बेहतर साबित हुए हैं.
  • योग से नींद की दक्षता 15% तक बढ़ जाती है.
  • ताई ची और योग से चिंता और अवसाद में राहत मिलती है.
Yoga, Tai Chi Benefits: नींद न आना सौ बीमारियों की जड़ है. आजकल अधिकांश लोग नींद न आने की वजह से परेशान रहते हैं. नींद न आने के कारण पूरा मेटाबोलिज्म बिगड़ जाता है. इससे मोटापा बढ़ता है, पेट खराब रहता है और फैटी लिवर का खतरा रहता है. जब नींद नहीं आती तो लोग दवा खाने लगते हैं. लेकिन अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर नींद नहीं आती तो इसमें दवा से ज्यादा कारगर योग करना है. अध्ययन में पाया गया कि नींद न आने की सबसे अच्छी दवा योग और ताई ची है.ताई ची भी चीनी शारीरिक गतिविधि है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि जॉगिंग और टहलना भी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं और अनिद्रा की समस्या को कम कर सकते हैं.

इससे पहले के अध्ययनों से यह साबित हो चुका था कि नींद न आने की समस्या से ग्रस्त लोगों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं जैसे कि हार्ट की बीमारी और डिमेंशिया, स्मृति लोप आदि के होने का खतरा अधिक होता है. नींद की बीमारी में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी CBT इलाज के लिए एक प्रभावी विकल्प है लेकिन प्रशिक्षित थेरेपिस्टों की कमी के कारण यह विकल्प हमेशा उपलब्ध नहीं होता. इसके अलावा अनिद्रा के इलाज के लिए दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इन दवाओं के दुष्प्रभाव भी काफी होते हैं. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह जांचा कि अनिद्रा के इलाज के लिए कौन-से व्यायाम सबसे प्रभावी हैं.

योग से नींद की दक्षता 15 प्रतिशत बढ़ गई
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 1,348 प्रतिभागियों से जुड़े कई डेटाबेस का विश्लेषण किया और 13 विभिन्न उपचार पद्धतियों के प्रभाव का आकलन किया कि वे अनिद्रा में कितनी राहत देती हैं. इनमें से सात पद्धतियां व्यायाम से संबंधित थीं, जिनमें योग, ताई ची, टहलना या दौड़ना, एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का मिश्रण, केवल स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, थेरेपी के साथ एरोबिक एक्सरसाइज और मिक्स्ड एरोबिक एक्सरसाइज शामिल थीं. वहीं अन्य पद्धतियों में पारंपरिक इलाज, CBT, कुछ न करना, स्लीप हाइजीन, आयुर्वेद, एक्यूपंक्चर या मसाज शामिल थे. इस ट्रायल में शोधकर्ताओं ने हर प्रतिभागी की नींद की गुणवत्ता, अनिद्रा की गंभीरता, कुल नींद का समय, नींद की दक्षता, सोने के बाद जागने की बारंबारता और नींद आने में लगने वाले समय का मूल्यांकन करने के लिए स्कोर सिस्टम का उपयोग किया. इसके बाद पाया कि CBT (संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी) और कुछ व्यायाम-आधारित उपाय अनिद्रा के इलाज में प्रभावी थे. अध्ययन में बताया गया कि जो प्रतिभागी योग कर रहे थे, उन्होंने सामान्य से दो घंटे अधिक नींद ली और उनकी नींद की दक्षता लगभग 15% तक बढ़ गई.

योग से इंफ्लामेशन कम होता
शोध के लेखक ने कहा योग शरीर की जागरुकता, नियंत्रित श्वास और ध्यान केंद्रित करने पर आधारित है. यह मस्तिष्क की गतिविधि को प्रभावित कर सकता है, जिससे चिंता और अवसाद जैसे लक्षणों में राहत मिलती है जो अक्सर अच्छी नींद में बाधा डालते हैं. वहीं ताई ची श्वास नियंत्रण और शारीरिक शिथिलता पर बल देता है और तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करता है और अत्यधिक उत्तेजना को शांत करता है. इसका ध्यानात्मक आंदोलन और माइंडफुलनेस का संयोजन भावनात्मक नियंत्रण को बढ़ावा दे सकता है और चिंता को कम कर सकता है. यह लंबे समय तक सूजन पैदा करने वाले रसायनों के निर्माण को भी कम करने में सहायक हो सकता है.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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