मालेगांव केस में बरी होने के बाद चर्चा में प्रज्ञा ठाकुर, क्या बीजेपी देगी ‘बड़ी जिम्मेदारी’?

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MP Political News : मालेगांव विस्फोट मामले से बरी होने के बाद पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या बीजेपी उन्हें दोबारा कोई अहम भूमिका सौ…और पढ़ें

भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर सुर्खियों में हैं.

हाइलाइट्स

  • पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर राजनीतिक चर्चा में.
  • बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व करेगा भूमिका तय.
  • दीदी का भिंड में समर्थक करेंगे भव्‍य स्‍वागत.
भोपाल. मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए जाने के बाद पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर से राजनीतिक चर्चाओं में हैं. इस संवेदनशील मामले में लगभग 17 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. यह न सिर्फ उनके लिए व्यक्तिगत राहत, बल्कि इसे ‘भगवा आतंकवाद’ के खिलाफ एक बड़ा नैरेटिव भी माना जा रहा है. भाजपा के अंदर और बाहर भी यह केस और पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह सुर्खियों में हैं. अब ऐसी अटकले और सवाल हैं कि क्‍या पार्टी पूर्व सांसद को बड़ी जिम्‍मेदारी देगी? हालांकि इस मामले में भाजपा नेता चुप्‍पी साधे हुए हैं. उनका कहना है कि यह पार्टी हाईकमान तय करेंगे कि कौन किस भूमिका में होगा. वहीं प्रज्ञा सिंह के परिजन और उनके गृह नगर भिंड में खुशी का माहौल है. परिवार का कहना है कि सच सामने आ गया है.

प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल से उतारा था, जहां उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी. उस वक्त बीजेपी ने उनकी जीत को ‘हिंदुत्व की वैचारिक विजय’ के तौर पर प्रचारित किया था. हालांकि, सांसद रहते कई बार उनके विवादित बयानों ने पार्टी नेतृत्व को असहज कर दिया, जिसके चलते 2024 के आम चुनाव में उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला. अब जब अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया है, तो यह सवाल फिर उठ रहा है कि क्या बीजेपी उन्हें किसी नई जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाएगी? हालांकि पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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पार्टी के फैसले हाई कमान तय करते हैं
बीजेपी प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह बड़ा फैसला है और सत्‍य की जीत हुई है. यह फैसला हिंदुओं को आतंकवादी ठहराने के षड्यंत्र के विरुद्ध जीत का प्रतीक है. हालांकि, जब उनसे प्रज्ञा ठाकुर की राजनीतिक वापसी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर टिप्‍पणी करने से साफ मना कर दिया. उन्‍होंने कहा कि पार्टी के फैसले हाई कमान तय करते हैं; उस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. इधर, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 2019 में प्रज्ञा ठाकुर को टिकट देना एक प्रतीकात्मक रणनीति थी. अब जब वे बरी हो चुकी हैं, तो पार्टी उनके जनाधार और वर्तमान राजनीतिक प्रासंगिकता को देखकर ही कोई निर्णय लेगी.

गृह नगर भिंड में उत्साह का माहौल, दीदी के भव्‍य स्‍वागत की तैयारी 
इन सब अटकलों और खबरों के बीच प्रज्ञा ठाकुर के गृह नगर भिंड में उत्साह का माहौल है. उनके परिवार और स्थानीय समाज ने फैसले का स्वागत किया है. बहन उपमा सिंह ने कहा, “सच सामने आ गया, अब उनका सम्मान लौटेगा.” कोर्ट के फैसले के बाद से उनके समर्थकों ने जश्‍न मनाया है. अपनों के बीच ‘दीदी’का इंतजार हो रहा है. समर्थकों का कहना है कि दीदी का भव्‍य स्‍वागत किया जाएगा. उन्‍होंने बहुत कष्‍ट सहन किए हैं. इधर, माना जा रहा है कि अदालत का यह फैसला प्रज्ञा ठाकुर के राजनीतिक करियर में एक नया मोड़ ला सकता है. लेकिन आगे क्या होगा, उस फैसले का इंतजार हो रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भूमिका तय होती है.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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मालेगांव केस में बरी होने से चर्चा में प्रज्ञा ठाकुर, क्या मिलेगी ‘जिम्मेदारी’

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