हाऊ रिफ्रेशिंग! Gen Z के बीच क्यों ट्रेंड कर रहा ‘फ्रिज सिगरेट’? किस चीज में देता है आराम

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Gen Z में ‘फ्रिज सिगरेट’ ट्रेंड वायरल है, जिसमें लोग ठंडी डाइट कोक पीकर तनाव कम करते हैं. विशेषज्ञों नेहा कडाबैम ने इससे होने वाली डिपेंडेंसी पर चेतावनी दी है.

हाऊ रिफ्रेशिंग! Gen Z के बीच क्यों ट्रेंड कर रहा 'फ्रिज सिगरेट'?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई तनाव से राहत पाने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेने की कोशिश करता है. इसी कड़ी में Gen Z ने एक नया और दिलचस्प ट्रेंड शुरू किया है, जिसे ‘फ्रिज सिगरेट’ कहा जा रहा है. यह नाम सुनकर भले ही आपको अजीब लगे, लेकिन इसमें असल में सिगरेट पीने जैसी कोई बात नहीं है. दरअसल, इस ट्रेंड में लोग फ्रिज खोलकर एक ठंडी डाइट कोक या कोई भी कार्बोनेटेड ड्रिंक निकालते हैं, उसे खोलकर उसी सुकून के साथ पीते हैं, जैसे पहले लोग सिगरेट पीकर रिलैक्स होते थे. यानी अब धुएं और गिल्ट की जगह सिर्फ ठंडी बुलबुलेदार ड्रिंक और एक तरह का मानसिक रिफ्रेशमेंट है.

सोशल मीडिया, खासकर TikTok पर यह ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है. कई यूजर्स अपने वीडियो में इस ट्रेंड को फॉलो करते हुए लिखते हैं “हाऊ रिफ्रेशिंग- माई फ्रीज सिगरेट. वहीं, कुछ विशेषज्ञ इस ट्रेंड को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि यह भले ही सिगरेट जैसी हानिकारक आदत न हो, लेकिन मीठे या आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले ड्रिंक्स पर भावनात्मक निर्भरता भी लंबे समय में नुकसान पहुंचा सकती है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, कैडाबैम्स हॉस्पिटल्स की सीनियर साइकोलॉजिस्ट नेहा कडाबैम का कहना है कि यह ट्रेंड असल में युवाओं के लिए एक इमोशनल कोपिंग मैकेनिज्म की तरह काम कर रहा है. आज की तेज रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में जब उन्हें बर्नआउट या इमोशनल थकान महसूस होती है, तो वे तुरंत खुद को रिलैक्स करने के लिए ऐसे छोटे-छोटे उपाय अपनाते हैं. फ्रिज से ठंडी ड्रिंक निकालकर पीना उन्हें एक पल का कंट्रोल, खुशी और ध्यान बंटाने जैसा एहसास देता है. हालांकि, अगर यह आदत लंबे समय तक जारी रहती है और बेहतर कोपिंग मैकेनिज्म जैसे आराम करना, बातचीत करना, व्यायाम या अपनी भावनाओं को व्यक्त करना की जगह लेने लगे, तो यह चिंता का विषय बन सकता है.

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसी आदतें असल तनाव के कारणों को छिपा देती हैं. धीरे-धीरे दिमाग इन्हें “स्ट्रेस रिलीफ रिचुअल” मानने लगता है और हर बार तनाव के समय वही ड्रिंक पीने की जरूरत महसूस होती है. अगर संतुलन न रखा जाए तो यह आदत एक तरह की डिपेंडेंसी में बदल सकती है. अब सवाल यह है कि ऐसी छोटी-छोटी आदतें इतनी सुकून क्यों देती हैं? इसका जवाब यह है कि ये बेहद आसान और उपलब्ध होती हैं. जैसे पहले लोग सिगरेट ब्रेक लेते थे, वैसे ही अब ड्रिंक ब्रेक लेना लोगों को राहत देता है. बार-बार रिपीट करने से यह दिमाग में एक पैटर्न बना देता है. लेकिन जब यह पैटर्न सिर्फ इमोशनल बैलेंसिंग के लिए इस्तेमाल होने लगे, तो खतरा बढ़ जाता है.

स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो डाइट सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स भले ही लो-कैलोरी या शुगर-फ्री बताई जाती हों, लेकिन इनमें मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर्स मेटाबॉलिज्म, भूख और आंतों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि इनका ज्यादा सेवन मूड में बदलाव, मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स की क्रेविंग बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, यानी यह कहा जा सकता है कि ‘फ्रिज सिगरेट’ ट्रेंड भले ही मजेदार और हानिरहित लगे, लेकिन इसके पीछे छुपे पैटर्न को समझना जरूरी है. संतुलन बनाए रखना और स्ट्रेस से निपटने के लिए हेल्दी तरीके अपनाना ही सबसे बेहतर उपाय है. इस तरह आप खुद को भी रिफ्रेश रख पाएंगे और अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रख पाएंगे.

Vividha Singh

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें

विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें

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