दिल्ली-एनसीआर में क्यों बन रहा दर्द का पहाड़, दिन का 6% समय इसी pain में, आखिर इसकी वजह क्या है?

काम के बढ़ते दबाव, हर दिन की भागदौड़ के कारण काफी लोगों को सिरदर्द की समस्या होती है. लोग इसे नॉर्मल समझकर भूल जाते हैं. दर्द से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर खा लेते हैं. लेकिन, हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में रहने वाले लोग तो अपने दिन भर के कुछ घंटे तो सिरदर्द के साथ ही बिता रहे हैं. आलम ये है कि यहां रहने वाले लोगों के लिए सिरदर्द अब सिर्फ एक मामूली परेशानी बनकर नहीं रह गई है. आज सिरदर्द इनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है. दरअसल, जर्नल ऑफ हेडेक एंड पेन में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले वयस्क लगभग 5.5 प्रतिशत अपने दिनभर के समय को सिरदर्द के साथ बिताते हैं.

शोध में यह भी अनुमान लगाया गया कि दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से एक वयस्क यानी लगभग 26% आबादी यदि सिरदर्द दूर करने वाले किसी प्रोफेशनल केयर की हेल्प लें तो काफी हद तक लाभ मिल सकता है.

यह शोध जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के देबाशीष चौधरी और एम्स नई दिल्ली के आनंद कृष्णन सहित अन्य विशेषज्ञों की टीम ने किया. इस शोध में 18 से 65 वर्ष आयु वर्ग के 2,066 लोगों पर सर्वेक्षण किया गया. शोध में पाया गया कि जिन उत्तरदाताओं ने पिछले साल सिरदर्द का अनुभव किया था, उन्होंने लगभग 10% अपना कीमती समय मॉडरेट सिरदर्द के कारण गंवा दिया. करीब 68% वयस्कों ने बताया कि उन्हें पिछले साल कम से कम एक बार सिरदर्द का सामना करना पड़ा.

क्या है इस सिरदर्द की वजह?
इस स्टडी ये बात सामने आई है कि पुरुषों की तुलना में सिरदर्द की समस्या महिलाओं में अधिक होती है. आज सिरदर्द और माइग्रेन लोगों के लिए एक बड़ा बोझ बनता जा रहा है. इस अध्ययन में शामिल प्रतिभागी दिल्ली के कई हाई लेवल कॉलोनी में रहने वाले लोग थे. डॉ. कृष्णन के अनुसार, ये सिरदर्द किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या के कारण नहीं, बल्कि ये मुख्य प्राथमिक विकार था. कई बार सिरदर्द लगातार बनी रहे तो ये विकलांगता का कारण भी बन सकती है. अध्ययन में ये भी पता चला है कि स्ट्रोक के बाद किसी व्यक्ति में विकलांगता पैदा करने की दूसरी बड़ी वजह माइग्रेन हो सकती है. इससे लोगों की लाइफस्टाइल, खानपान, कार्य सबकुछ प्रभावित हो सकती है.

अध्ययन में पाया गया कि प्रत्येक महीने सिरदर्द का अनुभव करने का टोटल टाइम लिमिट लगभग 5.5 से लेकर 6.6 प्रतिशत थी. इस स्टडी में शामिल सभी प्रतिभागियों में से लगभग 8.2 लोगों ने माइग्रेन की शिकायत की. तनाव के कारण होने वाले सिरदर्द लगभग 1.7 फीसदी की तुलना में अधिक तकलीफदायक था.

सिरदर्द का ये बोझ उन लोगों पर अधिक पाया गया, जो किसी ना किसी तरह की दवाई का सेवन अधिक करते थे. साथ ही अन्य प्रकार के सिरदर्द भी इसमें शामिल थे. इस तरह का सिरदर्द इन लोगों में 15 दिनों से अधिक बना रहता था.

सिरदर्द दूर करने के उपाय
-यदि आपको भी हर दिन हल्का सिरदर्द रहता है तो इसे आप नरजअंदाज न करें. डॉक्टर से जरूर दिखा लें.
-सिरदर्द कई बार नींद पूरी नहीं होने के कारण भी होता है. इसके लिए आप देर रात तक न जागें. नींद पूरी न होने से सुबह उठते ही भारी महसूस होता है. सिरदर्द से आप सारा दिन परेशान रह सकते हैं.
-डाइट में पौष्टिक चीजें शामिल करें. ब्रेन फंक्शन को बूस्ट करने के लिए मस्तिष्क को हेल्दी रखने वाली चीजें खाएं.
-हर दिन एक्सरसाइज करें, योग, मेडिटेशन करें ताकि आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट और हेल्दी महसूस कर सकें.

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