टेस्ट में क्यों नहीं खेलते हार्दिक पांड्या? BCCI नहीं देता मौका या असली वजह कुछ और; यहां जानें

हार्दिक पांड्या पिछले लगभग सात साल से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने आखिरी बार टेस्ट मैच साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. हार्दिक ने अपने वनडे और टी20 फॉर्मेट में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन से टेस्ट टीम में जगह बनाई थी. वो भारत के लिए टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन भी कर रहे थे. लेकिन कमर में चोट लगने के बाद से वो टेस्ट टीम से बाहर हो गए. इसके बाद उन्होंने टीम में वापसी नहीं की.

कमर की चोट की वजह से खुद टेस्ट से दूरी बनाए हुए हैं पांड्या

पंड्या की पीठ की समस्या उन कारणों में से एक है, जिसकी वजह से वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. 2020 में क्रिकबज से बात करते हुए पंड्या ने बताया था कि टेस्ट क्रिकेट खेलने से उनकी पीठ को खतरा हो सकता है.

 उन्होंने कहा, “मैं खुद को एक बैकअप तेज गेंदबाज मानता हूं. मेरी पीठ की सर्जरी के बाद फिलहाल टेस्ट क्रिकेट खेलना एक चुनौती है. अगर मैं सिर्फ टेस्ट खिलाड़ी होता और सफेद गेंद वाले क्रिकेट में मेरा करियर न होता, तो मैं टेस्ट में जाकर अपनी पीठ को जोखिम में डाल सकता था, लेकिन मुझे पता है कि मैं सफेद गेंद के क्रिकेट में कितना अहम हूं.”

2021 में पंड्या टेस्ट टीम में लौटे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. आईपीएल 2021 के पहले चरण में उन्होंने एक भी गेंद नहीं फेंकी, जिससे उनकी फिटनेस को लेकर फिर सवाल उठने लगे. इसी वजह से उन्हें 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और उसके बाद इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया.

पांड्या का टेस्ट करियर

पांड्या ने साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. इस दौरान उन्होंने कुल 11 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान पांड्या ने लगभग 32 की औसत से 532 रन बनाए. हार्दिक ने चार अर्धशतक और एक शतक भी जड़ा. इसके अलावा पांड्या ने गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया. पांड्या ने 11 मैचों में 31.05 की औसत से 17 विकेट झटके. इसमें एक 5 विकेट हॉल भी शामिल रहा.

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