क्यों आती है हिचकी? कहीं यह हार्ट से जुड़ी समस्या का संकेत तो नहीं, यहां जानें चौंकाने वाली बात

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Hiccup Linked to Heart: हिचकी आना एक कॉमन समस्या है, जो कुछ ही देर में अपने आप ठीक हो जाती है. हिचकी 48 घंटे तक लगातार आए और इसके साथ सीने में दर्द, सांस फूलना या थकावट हो, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है.

आमतौर पर हिचकी कुछ मिनट में ठीक हो जाती है.

हाइलाइट्स

  • हिचकी 48 घंटे तक रहे तो हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है.
  • हिचकी के साथ सीने में दर्द, सांस फूलना गंभीर संकेत होता हैं.
  • हिचकी रोकने के लिए गहरी सांस लेना, ठंडा पानी पीना कारगर है.
Hiccup Reason and Prevention Tips: हिचकी आना एक कॉमन बात है और सभी लोगों को कभी-कभी हिचकी जरूर आती है. कई लोगों को खाने-पीने के बाद हिचकी आने लगती है, तो कुछ लोगों को अचानक हिचकी की समस्या होने लगती है. अधिकतर मामलों में हिचकी कुछ मिनट में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ लोगों की हिचकी कई दिनों तक चलती है. बार-बार या लंबे समय तक हिचकी आना शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है. ऐसे में हिचकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. आज आपको बताएंगे कि हिचकी क्यों आती है और इसकी क्या वजह हो सकती हैं.

BBC की रिपोर्ट के अनुसार जब हमारा डायाफ्राम यानी फेफड़ों के नीचे की मसल्स अचानक सिकुड़ जाती हैं, तब हिचकी आने लगती है. इसके कारण आपके सांस लेने की क्रिया असमंजस में पड़ जाती है और वोकल कॉर्ड अचानक बंद हो जाती है. इससे हिक की आवाज होती है. यह एक रेस्पिरेटरी रिफ्लेक्स है और हिचकी बिना किसी कारण के आ जाती है. हिचकी आमतौर पर तेजी से खाना खाने, बहुत ठंडी या कार्बोनेटेड चीजें पीने, भावनात्मक तनाव, अचानक हंसी या डर जैसी स्थितियों में आ सकती है. हवा निगलने या पेट में गैस बनने से भी हिचकी आ सकती है. ज्यादातर मामलों में हिचकियां कुछ देर में अपने आप ठीक हो जाती हैं. हालांकि कई बार यह कई दिनों तक रहती है, जो गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है.

क्या हिचकी हार्ट की समस्या का संकेत?

कुछ रेयर मामलों में हिचकी हार्ट अटैक या पेर्कार्डायटिस जैसी मेडिकल कंडीशन का लक्षण हो सकती है. दिल के पास गुजरने वाले वेगन (Vagus) और फ्रेनिक नर्व्स (Phrenic nerves) में सूजन या उत्तेजना होने पर डायाफ्राम रिफ्लेक्स प्रभावित हो सकता है. यूएस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट बताती है कि हार्ट अटैक के साथ हिचकी आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा देखी गई है. अगर हिचकी के साथ सीने में दर्द, सांस फूलना या थकावट जैसे लक्षण भी हों, तो यह गंभीर संकेत हो सकता है. ऐसी कंडीशन में लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए.

कब डॉक्टर से करना चाहिए संपर्क?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर किसी व्यक्ति को हिचकी आए और लगातार 48 घंटे से ज्यादा देर तक बनी रहे, तो उसे पर्सिस्टेंट माना जाता है. लंबे समय तक चलने वाली हिचकी सामान्य नहीं होती है और इससे यह संकेत मिलता है कि खाने की नली, ब्रेन या फेफड़ों में कोई समस्या हो गई है. कई बार हिचकी गंभीर परेशानियों का लक्षण भी हो सकती है. अगर हिचकी 48 घंटे से ज्यादा तक आ रही है और घरेलू उपायों से नहीं रुक रही है, तो इस कंडीशन में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर ECG, एक्स रे, CT scan या इमेजिंग की मदद से संभावित कारण का पता लगा सकते हैं.

हिचकी रोकने के क्या हैं घरेलू उपाय?

हिचकी रोकने के लिए कई घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं. सबसे आसामन तरीका है गहरी सांस लेकर कुछ समय के लिए सांस को रोकना. इससे डायाफ्राम की गति स्थिर हो जाती है. इसके अलावा ठंडा पानी धीरे-धीरे पीना, मुंह में एक चम्मच चीनी डालकर धीरे-धीरे चूसना, नींबू का टुकड़ा चूसना या हल्का गर्म पानी पीना भी कारगर माना जाता है. कुछ लोग डराने या ध्यान भटकाने से भी हिचकी बंद कर लेते हैं, क्योंकि यह ब्रेन को दूसरी ओर फोकस करने में मदद करता है. इन उपायों से हिचकी कुछ ही मिनटों में सामान्य रूप से बंद हो सकती है.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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क्यों आती है हिचकी? कहीं यह हार्ट से जुड़ी समस्या का संकेत तो नहीं, यहां जानें

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