ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को बताया है कि अन्य मांगों के साथ-साथ पुतिन ने प्रस्ताव रखा कि यूक्रेन डोनबास क्षेत्र का शेष भाग मास्को को सौंप दे. बदले में रूस लड़ाई बंद कर देगा. ट्रंप भी चाहते हैं कि यूक्रेन को अगर युद्ध से निकलना है तो ऐसा ही करना चाहिए. आखिर ये दोनबास वाला इलाका है क्या, जिसको पुतिन हर हाल में रूस में मिलाना चाहते हैं. हालांकि ज़ेलेंस्की ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से छोड़ने के विचार को ठुकरा दिया है.
सवाल – पुतिन कब से डोनबास को कब्जा करना चाह रहे हैं?
यूक्रेनी समूह डीपस्टेट के आंकड़ों के अनुसार , क्रेमलिन की सेना और उसके अलगाववादी सहयोगियों ने 2014 से डोनबास के लगभग 87 प्रतिशत हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है. रूसी सेना अब यूक्रेनी कब्जे वाले 2,600 वर्ग मील क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाते हुए उससे छीन रही है. सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि अगर युद्धविराम नहीं होता तो ये लड़ाई रूस की तरफ से तब तक चलती रहेगी, जब तक कि उसका सारे डोनबास पर कब्जा नहीं हो जाता. ऐसी स्थिति में युद्ध फिर अगले साल तक खींच सकता है. हालांकि कहना चाहिए कि डोनबास विवाद बहुत पुराना है.
वैसे ज़ेलेंस्की ने पिछले हफ्ते पत्रकारों से कहा, “हम डोनबास नहीं छोड़ेंगे. हम ऐसा नहीं कर सकते.” डोनबास का जितना इलाका अब भी यूक्रेन का कब्जा है, उसमें करीब दो साल नागरिक रहते हैं..
सवाल – दिल से डोनबास के लोग रूस के साथ हैं या यूक्रेन के?
– हां ये बात कही जा सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि रूस तब तक लड़ता रहेगा जब तक कि ज़ेलेंस्की की सरकार को गिराकर एक अधिक लचीली सरकार स्थापित नहीं कर ली जाती. हालांकि लोगों को ये भी लग रहा है कि रूस भी बहुत लंबा युद्ध नहीं लड़ सकता. युद्ध का असर बुरी तरह रूसी लोगों पर भी पड़ रहा है.
– बिल्कुल नहीं. यूक्रेन का संविधान राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के अलावा किसी भी अन्य तरीके से क्षेत्र को सौंपने पर रोक लगाता है. कीव अंतर्राष्ट्रीय समाजशास्त्र संस्थान द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 78 प्रतिशत यूक्रेनवासी यूक्रेन के नियंत्रण वाले क्षेत्र को रूस को सौंपने के खिलाफ थे. तो ये यूक्रेन के लिए मुश्किल बात होगी.
– रूस की कई शर्तें हैं, डोनबास तो उसकी सबसे बड़ी शर्त है. बाकि बातें इस तरह है
– रूस की मांग है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बनेगा.
– यूक्रेन को अपनी सेना और हथियारों में कटौती करनी होगी. पूर्वी यूक्रेन की सीमाओं पर रूस से लगे क्षेत्र में अपने सैनिक नहीं तैनात करने होंगे.
– रूस चाहता है कि यूक्रेन में रूसी भाषा को बराबरी का अधिकार दिया जाए.
– रूस पर लगे आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध हटाए जाएं.
– काला सागर में व्यापारिक मार्गों पर रूस का नियंत्रण हो ताकि यूक्रेन की अर्थव्यवस्था दबाव में रहे.
– रूस यूक्रेन के अंदर रह रहे रूसी समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी भी चाहता है।
– साथ ही यूक्रेन को परमाणु हथियार विकसित न करने की गारंटी देनी होगी।
हालांकि ये कहना चाहिए कि युद्ध रोकने के लिए रूस की मांगें कड़ी और यूक्रेन के लिए स्वीकार करना कठिन है.
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