वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने पिछले महीने ही चेतावनी दी थी कि एक बार चिकनगुनिया एशियाई देशों से लेकर यूरोप तक तबाही मचा सकता है. इस वक्त एशिया और यूरोप के कई देशों में इसके केस लगातार बढ़ रहे हैं. WHO ने बताया था कि इस वक्त 119 देशों में करीब 560 करोड़ लोग चिकनगुनिया इंफेक्शन के खतरे में हैं. चिकनगुनिया के मामले सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि भारत में भी हर साल देखने को मिलते हैं. बरसात में मच्छरों का कहर बढ़ जाता है और चिकनगुनिया वायरस भी ज्यादा फैलने लगता है. साल 2005 में चिकनगुनिया ने महामारी का रूप ले लिया था और तब यह बीमारी हिंद महासागर के छोटे द्वीपों से शुरू होकर 5 लाख से ज्यादा लोगों में फैल गई थी. रेयर मामलों में चिकनगुनिया विकलांगता का कारण बन सकता है.
दुनियाभर में चिकनगुनिया को लेकर क्यों है टेंशन?
चिकनगुनिया क्या है और कैसे फैलता है?
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि चिकनगुनिया एक वायरल बुखार है, जो मच्छरों के जरिए फैलता है. यह एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों से फैलने वाला वायरस है. ये मच्छर जो दिन के समय ज्यादा एक्टिव रहते हैं. चिकनगुनिया वायरस सबसे पहले 1952 में तंजानिया में पहचाना गया था. यह बीमारी शरीर में तेज जोड़ों के दर्द का कारण बनती है, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है. जब कोई मच्छर किसी चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह मच्छर भी संक्रमित हो जाता है. इसके बाद जब वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है. यह व्यक्ति से व्यक्ति में सीधे संपर्क से नहीं फैलता, लेकिन एक ही क्षेत्र में कई लोगों को एक साथ बीमार कर सकता है. खासकर बरसात के मौसम में इसका प्रकोप बढ़ता है, जब मच्छर ज्यादा पनपते हैं.
चिकनगुनिया के लक्षण और इलाज क्या है?
क्या चिकनगुनिया की कोई वैक्सीन उपलब्ध है?
डॉ. रावत ने बताया कि अभी तक चिकनगुनिया वायरस के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई देशों में इस पर रिसर्च और ट्रायल चल रहे हैं. कुछ वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के चरण में हैं और भविष्य में उपलब्ध हो सकती हैं. जब तक वैक्सीन नहीं आती, तब तक रोकथाम ही सबसे अच्छा उपाय है. मच्छरों से बचाव करना, स्वच्छता बनाए रखना और समय पर लक्षणों की पहचान कर इलाज शुरू करना इस बीमारी से बचने के सबसे प्रभावी तरीके हैं.
चिकनगुनिया से कैसे बचा जा सकता है?
एक्सपर्ट की मानें तो चिकनगुनिया से बचने के लिए मच्छरों से बचाव सबसे जरूरी है. मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल स्लीव कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और घर के आसपास पानी जमा न होने दें. पानी के बर्तनों को ढककर रखें और मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें. खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं ताकि मच्छर घर में न घुसें. बरसात के मौसम में विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि इसका प्रकोप इस मौसम में ही सबसे ज्यादा होता है.