सिर्फ 30 दिन में सफेद बाल हो जाएंगे काले, अपनाएं 5 असरदार घरेलू नुस्खे, गंजे सिर पर भी आ जाएंगे बाल !

Home Remedies for White Hair: हर किसी की चाहत होती है कि उनके बाल लंबे, घने और काले रहें. हालांकि आजकल की खराब लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव, अनहेल्दी खानपान की वजह से कम उम्र में ही बाल सफेद होने लगे हैं. इससे बचने के लिए लोग हेयर डाई या केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिससे बालों को नुकसान पहुंचता है और गंजापन तक हो सकता है. अगर आप सफेद बालों को काला करने के लिए प्राकृतिक तरीका ढूंढ रहे हैं, तो कुछ घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई कर सकते हैं. आंवला, प्याज का रस, चाय की पत्ती जैसे उपायों से आप 30 दिन में सफेद बालों को दोबारा काला कर सकते हैं.

आंवला और नारियल तेल से करें मालिश

आंवला विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो मेलानिन उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है. आप आंवला पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर हल्का गर्म करें और इसे बालों की जड़ों में लगाकर रातभर छोड़ दें. कुछ रिसर्च के अनुसार यह मेलानिन उत्पादन में मदद करता है और बालों की प्राकृतिक रंगत लौटाने में असरदार हो सकता है.

करी पत्ते और दही का पेस्ट लगाएं

करी पत्ते में बीटा-करोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बालों को पोषण दे सकते हैं. इन्हें दही के साथ पीसकर पेस्ट बनाएं और बालों में सप्ताह में दो बार लगाएं. इससे बालों का रंग गहरा होता है और सफेद बालों की संख्या कम हो सकती है.

ब्लैक टी के पानी से बाल भिगोएं

काली चाय में टैनिन और पॉलीफेनॉल होते हैं, जो बालों को प्राकृतिक रूप से गहरा और चमकदार बनाते हैं. दो से तीन बार पानी में उबालकर ठंडी होने पर बालों में भिगोएं. सप्ताह में दो बार उपयोग करने से सफेद बालों का रंग धीरे-धीरे काला होने लगता है.

प्याज का रस भी असरदार

प्याज के रस में कैलटलेज नामक एंजाइम पाया जाता है, जो मेलानिन बनाने के लिए मददगार है. प्याज के रस को दही या नींबू के साथ मिलाकर बालों पर लगाएं और 30 मिनट बाद धो दें. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि यह उपाय बालों की प्राकृतिक रंगत लौटाने में मददगार है.

काले तिल और शहद का सेवन

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार काले तिल में कॉपर, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बालों के पिगमेंट को बनाए रख सकते हैं. अगर आप रोज एक चम्मच काला तिल शहद के साथ सेवन करें, तो यह पुराने या गंजे सिर पर भी असर दिखा सकता है. हालांकि वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, लेकिन इसे एक प्राकृतिक और पोषणयुक्त उपाय माना जाता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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