इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की गाइडलाइंस कहती हैं कि डॉग बाइट के ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि जब भी कुत्तों को डिस्टर्ब किया जाता है या जाने-अनजाने में छेड़ा जाता है, तो वे काटने को दौड़ते हैं. या फिर कोई भी व्यक्ति या बच्चा कुत्ते को देखकर अलग अजीब व्यवहार करता है तो ऐसी हालत में घबराकर भी कुत्ते काट लेते हैं. अगर लोग इस चीज की पहचान कर लें कि कौन से कुत्ते सबसे ज्यादा काटते हैं और किस समय पर सबसे ज्यादा काटते हैं, तो काफी घटनाओं से बच सकते हैं.
. गाइडलाइंस कहती हैं कि अगर आप कुत्तों को सोते हुए, खाते हुए या अपने बच्चों को खिलाने के दौरान डिस्टर्ब करते हैं तो उसके काटने के चांसेज ज्यादा हैं.
. अगर कोई कुत्ता दूर-दूर घूम रहा है और आपके साथ फैमिलियर नहीं है लेकिन आप उसके पास जाकर उसे टच करते हैं या उसे छेड़ते हैं तो वह काट सकता है.
. सड़क पर किसी भी कुत्ते को उत्तेजित करना या मारना भी खतरनाक हो सकता है और कुत्ता काट सकता है.
. अगर आप किसी पालतू जानवर को सूंघने नहीं देते और उसे पहले ही छूने की कोशिश करते हैं तो वह काट सकता है. पालतू कुत्ता अगर आपके पास आकर आपको सूंघ रहा है तो उसे ऐसा करने दें.
बच्चों को सिखाएं बेसिक चीजें
गाइडलाइंस कहती हैं कि बच्चों को कुत्तों के संबंध में सेंसिटाइज करें. कुछ बच्चे कुत्तों के साथ ज्यादा फ्रेंडली होते हैं और इस चक्कर में स्ट्रे डॉग या अन्य किसी के भी पालतू कुत्तों को छूने लगते हैं, जो उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है. इतना ही नहीं अगर कुत्ता काट ले या किसी घाव पर चाट ले तो बच्चों को सिखाएं कि सबसे पहले उस जगह को नल के पानी और साबुन से काफी देर तक धोते रहें. ऐसा कम से कम 15-20 मिनट तक करें. ताकि अगर कुत्ते की लार से रेबीज का वायरस लगा भी हो तो 90 फीसदी तक खुद ही खत्म हो जाए. बच्चों को डॉग बाइट के बेसिक सेफ्टी टिप्स जरूर सिखाएं.