चाहे 16 के हों या 60 के, सबको हट्टे-कट्टे बनाए ये सूपरफूड, इसमें छिपा है सेहत का खजाना, ऐसे करें उपयोग

बाड़मेर. मोरिंगा, जिसे आमतौर पर भारत के गांवों में ‘सहजन’ के नाम से जाना जाता है, आज न सिर्फ़ देश में बल्कि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुका है. यह एक ऐसा पौधा है जिसे अक्सर लोग अपनी रसोई में एक सामान्य सब्जी की तरह देखते थे, लेकिन आज वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक शोध दोनों ने इसे ‘सुपरफूड’ का दर्जा दिया है. इसकी खासियत यह है कि मोरिंगा में स्वास्थ्य के लिए अनगिनत गुण छुपे हुए हैं जो न केवल आपको बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं, बल्कि आपकी ऊर्जा, त्वचा, बालों और संपूर्ण जीवनशैली को भी बेहतर बनाते हैं.

मोरिंगा की पत्तियां, फूल, बीज और जड़ें सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। यह पौधा विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन का खजाना है, जो आपकी सेहत को प्राकृतिक तरीके से सुधारने में सहायता करता है. इतना ही नहीं, आधुनिक विज्ञान ने भी इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है और इसके पोषक तत्वों को लेकर कई महत्वपूर्ण शोध हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी थकान, कमजोरी, कमजोर इम्युनिटी, या पाचन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो मोरिंगा आपके लिए एक शक्तिशाली सहारा साबित हो सकता है. आइए जानते हैं कि कैसे यह देसी चमत्कारी पौधा आपकी सेहत का पूरा ध्यान रख सकता है.

इंटरलन पावर को बूस्ट करता है मोरिंगा

मोरिंगा एक पेड़ होता है, जिसकी पत्तियां, फलियां, बीज और यहां तक कि जड़ तक औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं. भारत में इसे सदियों से खाने और औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. बाड़मेर आयुर्वेद कॉलेज के उप निदेशक ड़ॉ. रमेश धनदे के मुताबिक मोरिंगा में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं. मोरिंगा को रोज़ाना डाइट में शामिल करने से न सिर्फ बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि शरीर की आंतरिक ताकत को भी बढ़ाया जा सकता है.

मोरिंगा शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखता है. खासतौर पर जो लोग फिजिकल वर्क करते हैं उनके लिए यह बेहद फायदेमंद होता है. डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज़ों के लिए मोरिंगा का सेवन किसी वरदान से कम नही है. ड़ॉ धनदे के मुताबिक इसका सेवन सूप और स्मूदी, सब्जी, चाय और पराठे के साथ भी कर सकते है.

राजस्थान में आसानी से मिल जाता है मोरिंगा

मोरिंगा ओलिफेरा एक बहुपयोगी पेड़ है, जिसे भारत में सहजन, सेंजन, सुजना, मुनगा के नामों से जाना जाता है. इसकी पत्तियां, फली, बीज, फूल और यहां तक कि छाल और जड़ें भी औषधीय होती हैं. खास बात यह है कि मोरिंगा राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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