शुभमन गिल बतौर कप्तान अपनी पहली परीक्षा में पास हुए हैं. बड़े-बड़े दिग्गज भविष्यवाणी करने में लगे थे कि भारतीय टीम को इंग्लैंड में बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा. गिल ने ना केवल व्यक्तिगत रूप से बढ़िया प्रदर्शन करते हुए सीरीज में 754 रन बनाए बल्कि बतौर कप्तान भी उन्होंने कई अच्छे फैसले लिए. अंततः टीम इंडिया सीरीज को 2-2 से ड्रॉ करवाने में सफल रही. शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज और केएल राहुल के बढ़िया प्रदर्शन के बावजूद इंग्लैंड सीरीज में टीम इंडिया की 3 कमियां उजागर हुई हैं.
नंबर-3 बैटिंग
चेतेश्वर पुजारा को टीम इंडिया से ड्रॉप हुए 2 साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन नंबर-3 की समस्या है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही. पुजारा के बाद केएल राहुल, शुभमन गिल को इस क्रम पर परखा जा चुका था. वहीं इंग्लैंड टूर पर करुण नायर और साई सुदर्शन ने इस क्रम पर बैटिंग की, लेकिन दोनों फ्लॉप रहे. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में नंबर-3 पर बैटिंग करते हुए साई सुदर्शन ने 6 पारियों में सिर्फ 140 रन बनाए. दूसरी ओर नायर को इस क्रम पर चार मौके मिले, जिनमें वो सिर्फ 111 रन बना सके.
फिटनेस बनी जटिल समस्या
फिटनेस का मामला उठने पर दिमाग में सबसे पहला नाम जसप्रीत बुमराह का आता है. वर्कलोड के चलते उन्होंने इंग्लैंड में सिर्फ 3 टेस्ट खेले. बुमराह की फिटनेस की पोल तब खुल गई, जब लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में हुए लगातार 2 टेस्ट मैचों में खेलने पर उनकी बॉलिंग स्पीड गिरने लगी थी. नतीजन वो पांचवां टेस्ट नहीं खेल पाए. नितीश कुमार रेड्डी टेस्ट टीम में बढ़िया तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी को पूरा कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें लगातार मौके भी मिले हैं, लेकिन घुटने की चोट के चलते वो टीम से बाहर हो गए थे.
वहीं आकाशदीप अपने टेस्ट करियर के शुरुआती मैचों में प्रभावी रहे हैं, लेकिन उन्हें भी टेस्ट सीरीज के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या थी. ऐसे में चौथे टेस्ट के लिए टीम इंडिया के लिए प्लेइंग इलेवन कॉम्बिनेशन तैयार कर पाना मुश्किल हो गया था. यह बेहद चिंताजनक विषय है और सवाल उठना लाजिमी है कि क्या भारतीय खिलाड़ियों को फिटनेस पर और ध्यान देने की जरूरत है.
कुलदीप यादव पर नहीं भरोसा
कुलदीप यादव इंग्लैंड टूर पर गए भारतीय स्क्वाड में अकेले मुख्य स्पिनर थे. बल्लेबाजी में गहराई का हवाला देकर बार-बार कुलदीप को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया. इंग्लैंड की पिचों पर रिस्ट स्पिनर कुलदीप काफी अच्छा प्रभाव छोड़ सकते थे. उन्हें टेस्ट डेब्यू करे 8 साल हो चुके हैं, जिसके बाद सिर्फ 13 टेस्ट खेल पाना बड़े सवाल खड़े करता है. बार-बार भारतीय टीम मैनेजमेंट को कुलदीप की रिस्ट स्पिन गेंदबाजी को मौका देने की सलाह दी गई, लेकिन क्या मैनेजमेंट का कुलदीप से भरोसा पूरी तरह उठ गया है?
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