क्या है थोंग बिकिनी बूम, क्यों दुनियाभर में हो रही छोटे स्विमवियर्स की हिट वापसी… भारत भी नहीं अछूता

हाल के बरसों में दुनियाभर समुद्रतटों से लेकर स्विमिंग पूलों और सोशल मीडिया तक थोंग बिकनी बूम दिखने लगा है. मतलब ये है कि छोटे स्विमवियर का पुराना फैशन फिर लौट आया है. थोंग बिकिनी एक प्रकार का टू-पीस स्विमसूट है. इसे अक्सर “ब्राजीलियन-कट” बिकिनी के रूप में भी जाना जाता है.थोंग बिकिनी को “थोंग” कहने का कारण इसके डिज़ाइन और उत्पत्ति से जुड़ा है.

“थोंग” शब्द अंग्रेजी से आया है, इसका मूल अर्थ है एक पतली पट्टी या रस्सी जैसी चीज़. ये बहुत ही कम कपड़े से बना होता है. चूंकि इसमें एक पतली पट्टी ही होती है, जो थोंग कहलाती है. यह डिज़ाइन पारंपरिक बिकिनी बॉटम्स से अलग है, जो अधिक कवरेज देते हैं.

ये कैसे वापस फैशन में लौट आया

थोंग बिकिनी को आधुनिक फैशन में बोल्ड और आत्मविश्वास भरा स्टाइल स्टेटमेंट माना जाता है. ये खासकर समुद्र तटों, पूल पार्टियों और छुट्टियों के दौरान लोकप्रिय है. हाल के वर्षों में बॉलीवुड और हॉलीवुड अभिनेत्रियों, मॉडल्स और इन्फ्लुएंसर्स ने इसे सोशल मीडिया पर दिखाकर इसकी लोकप्रियता को बढ़ाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर थोंग बिकिनी में फोटो और वीडियो शेयर करने का चलन बढ़ा है. कई महिलाएं अपनी बॉडी को फ्लॉन्ट करने के लिए इसे चुनती हैं, जिससे यह एक ग्लोबल फैशन ट्रेंड बन गया. भारत में बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल जैसी महिलाओं ने थोंग बिकिनी पहनकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते हैं.

भारत में भी लोकप्रियता बढ़ी

भारत जैसे देशों में, जहां परंपरागत रूप से बिकिनी का प्रचलन कम था, वहां थोंग बिकिनी धीरे-धीरे स्वीकार्य हो रही है, खासकर युवा पीढ़ी और शहरी क्षेत्रों में हालांकि इसे अब भी भारतीय संस्कृति के खिलाफ माना जाता है. इसे लेकर बहस और आलोचना होती रहती है.

“थोंग बिकिनी” एक प्रकार का स्विमवियर या अंडरवियर है जिसमें पीछे की (news18)
गोवा जैसे पर्यटक स्थलों पर इसे समुद्र तटों पर पहना जाता है, लेकिन शहरों या गैर-पर्यटक क्षेत्रों में इसे अनुचित माना जा सकता है। 2018 में, पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने पर्यटकों से स्थानीय संस्कृति का सम्मान करने और शहरों में बिकिनी न पहनने का आग्रह किया था. हालांकि भारत में थोंग बिकिनी पर कोई स्पष्ट राष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सांस्कृतिक संवेदनशीलता के कारण इसे सार्वजनिक स्थानों पर पहनना विवादास्पद हो सकता है.

क्यों हुई हिट वापसी

ये माना जा रहा है कि दुनियाभर में थोंग बिकिनी पहनना आत्मविश्वास और बॉडी को लेकर पॉजिटीव एटीट्यूड को दिखाता है. ये उन महिलाओं के बीच लोकप्रिय है जो अपनी बॉडी को बिना किसी झिझक के सेलिब्रेट करना चाहती हैं.

बॉलीवुड और हॉलीवुड में अभिनेत्रियों और मॉडल्स द्वारा थोंग बिकिनी को प्रचारित करने से ये युवाओं में लोकप्रिय हुआ है. बॉलीवुड की कई एक्ट्रैस इसे लेकर सोशल मीडिया पर चर्चित रहती है. यूरोपीय देशों में तो थोंग बिकिनी लंबे समय से आम है लेकिन अब ये भारत जैसे देशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. डिजाइनरों ने थोंग बिकिनी को कई रंगों, पैटर्न्स और स्टाइल्स में पेश किया, जिससे ये और आकर्षक बन गया.

थोंग बिकिनी कभी एक खास तरह के शरीर के अनुरूप पहनने वालों के लिए खास थी, अब ज़्यादा व्यापक आकारों में बनाई जा रही है और ज़्यादा विविधता के साथ बेची जा रही है.

द गार्जियन ने इस पर एक बड़ी रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट में साउथम्प्टन यूनिवर्सिटी में फ़ैशन के एसोसिएट प्रोफ़ेसर शॉन कोल कहते हैं, “मुझे लगता है कि हम शरीर-चेतना के एक और युग में प्रवेश कर चुके हैं – एक ज़्यादा अभिव्यक्तिपूर्ण दौर में.

बिकिनी को मूल रूप से 1946 में फ्रांसीसी डिज़ाइनर लुई रियर्ड ने डिज़ाइन किया था . (news18)

पुरुषों के लंगोट ज्यादा करीब

ये बिकिनी स्टाइल को पुरुषों द्वारा पहनी जाने वाली प्राचीन लंगोटी के करीब माना जाता है. आधुनिक थांग्स को 1939 में अपनाया गया था. हालांकि थोंग बिकिनी पर भी शुरू में प्रतिबंध लगाए गए.

कई जगह प्रतिबंधित भी

ऑस्ट्रेलिया के ग्रेटर सिडनी की एक परिषद ने अपने सार्वजनिक पूल में थोंग बिकिनी पर प्रतिबंध लगा दिया था. दक्षिण कैरोलिना के मर्टल बीच में कई महिलाओं को थोंग बिकिनी पहनने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया.

थोंग बिकिनी कुछ देशों में प्रतिबंधित है. मुख्य तौर पर खाड़ी देशों में. मालदीव में सार्वजनिक समुद्र तटों पर थोंग बिकिनी और अन्य खुलासा करने वाले स्विमवेयर प्रतिबंधित हैं. इन्हें केवल रिसॉर्ट समुद्र तटों या विशेष “बिकिनी बीच” पर पहनने की अनुमति है, जो पर्यटकों के लिए अलग से चिह्नित हैं. अमेरिका में थोंग बिकिनी आम तौर पर वैध हैं, लेकिन कुछ स्थानीय क्षेत्रों में प्रतिबंध हैं.

आधुनिक थोंग बिकिनी की लोकप्रियता का श्रेय बड़े पैमाने पर ब्राजील को जाता है। 1970 के दशक में, ब्राजील में स्विमवियर डिजाइनरों ने पारंपरिक बिकिनी के निचले हिस्से को छोटा करना शुरू किया. (news18)
क्रोएशिया में कुछ शहरों में थोंग बिकिनी और अन्य स्विमवेयर को सड़कों पर पहनने पर प्रतिबंध है. स्पेन के बार्सिलोना और मल्लोर्का में समुद्र तट से बाहर सड़कों पर बिकिनी पहनने पर 500 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है. इटली में कई शहरों में ये प्रतिबंधित है, जुर्माना भी हो सकता है.

किसने थोंग बिकिनी डिजाइन की

बिकिनी को मूल रूप से 1946 में फ्रांसीसी डिज़ाइनर लुई रियर्ड ने डिज़ाइन किया था. थोंग बिकिनी का विकास इसके बाद हुआ. ये 1970 के दशक में अधिक बोल्ड और न्यूनतम डिज़ाइन के रूप में सामने आई.

थोंग बिकिनी को विशेष रूप से लोकप्रिय बनाने का श्रेय रुडी गेर्नराइक को दिया जाता है, जिन्होंने 1970 के दशक में मोनोकिनी और अन्य न्यूनतम स्विमवियर डिज़ाइन पेश किए, जिसने थोंग-शैली के स्विमवियर की नींव रखी.

थोंग बिकिनी 1980 और 1990 के दशक में ब्राजील जैसे स्थानों में समुद्र तट संस्कृति के साथ और अधिक मुख्यधारा में आई, विशेष रूप से “ब्राजीलियन-कट” बिकिनी के रूप में, जो आंशिक रूप से हिप्स को उभारती थी.

ब्राजील ने इसमें क्या तड़का लगाया

आधुनिक थोंग बिकिनी की लोकप्रियता का श्रेय बड़े पैमाने पर ब्राजील को जाता है. 1970 के दशक में ब्राजील में स्विमवियर डिजाइनरों ने पारंपरिक बिकिनी के निचले हिस्से को छोटा करना शुरू किया ताकि महिलाएं समुद्र तट पर अधिक से अधिक टैन (सांवलापन) प्राप्त कर सकें और टैन लाइन्स से बच सकें.

ब्राजील के रियो डी जनेरियो के समुद्र तटों ने इसे एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में बढ़ावा दिया. यहां ये आम बात थी. इसे सुंदरता और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाने लगा.

1980 के दशक में यह स्टाइल ब्राजील की सीमाओं से बाहर निकली. अंतरराष्ट्रीय फैशन रनवे पर दिखाई देने लगी. 1990 के दशक में थोंग बिकिनी वास्तव में वैश्विक सनसनी बन गई.

सिंडी क्रॉफ़र्ड, नाओमी कैंपबेल और टायरा बैंक्स जैसी टॉप मॉडल्स ने फोटो शूट और फैशन शो में थोंग बिकिनी पहनी, जिससे इसकी लोकप्रियता को बहुत बढ़ावा मिला. मशहूर हस्तियों और पॉप स्टार्स ने इसे अपनाया.

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