MRI और CT Scan में क्या अंतर होता है? कब पड़ती है इन दोनों स्कैन की जरूरत, डॉक्टर से समझें

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CT Scan and MRI Difference: एमआरआई और सीटी स्कैन के जरिए शरीर के अंदर के ऑर्गन्स की कंडीशन देखी जाती है. इनसे शरीर के अंदर की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. हालांकि ये दोनों स्कैन मरीज की कंडीशन के आधार पर …और पढ़ें

MRI और CT Scan में क्या अंतर होता है? कब पड़ती है इन दोनों स्कैन की जरूरतCT Scan और MRI में काफी अंतर होता है.
MRI vs CT Scan: शरीर के ऊपर कोई चोट लग जाए या बीमारी हो जाए, तो उसका पता आसानी से लग जाता है. हालांकि जब कोई चोट शरीर के अंदर लग जाए या बीमारी पैदा हो जाए, तो उसका पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट और स्कैन कराने पड़ते हैं. आजकल शरीर की अंदरूनी समस्याओं का पता लगाने के लिए CT Scan और MRI का इस्तेमाल किया जाता है. अक्सर लोग एमआरआई और सीटी स्कैन को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि दोनों में क्या अंतर है. कई लोग तो दोनों स्कैन को एक ही समझ लेते हैं. चलिए इस बारे में डॉक्टर से जरूरी बातें समझ लेते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि MRI का पूरा नाम मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) है. इसमें मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स का यूज किया जाता है. इस स्कैन से शरीर के अंदर के ऑर्गन्स की इमेज मिल जाती हैं. MRI से शरीर के सॉफ्ट टिशू जैसे- ब्रेन, रीढ़ की हड्डी, लिगामेंट, मांसपेशियां और ट्यूमर की क्लीयर पिक्चर मिलती है. इस स्कैन में कोई रेडिएशन नहीं होता है, इसलिए यह सुरक्षित माना जाती है. कुछ मामलों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी यह प्रिस्क्राइब किया जाता है.

डॉक्टर रावत के मुताबिक CT स्कैन का पूरा नाम कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) है. यह X-ray तकनीक पर आधारित होता है, जिसमें शरीर के अलग-अलग एंगल से ली गई X-ray इमेजेस को कंप्यूटर द्वारा जोड़कर 3D इमेज बनाई जाती है. यह टेस्ट हड्डियों, फेफड़ों, खून की नसों और अंदरूनी चोटों का पता लगाने में ज्यादा प्रभावी होता है. इसमें हल्की मात्रा में रेडिएशन का इस्तेमाल होता है. इसलिए सेंसिटिव मामलों में इसके बजाय MRI स्कैन कराया जाता है.

एक्सपर्ट ने बताया कि MRI में मैग्नेटिक वेव्स उपयोग होती हैं, जबकि CT स्कैन में X-ray रेडिएशन का इस्तेमाल होता है. MRI सॉफ्ट टिशू की क्लीयर इमेज को दिखाता है, जबकि CT स्कैन हड्डियों और हार्ड टिशू के लिए ज्यादा सटीक होता है. MRI की प्रक्रिया ज्यादा समय लेती है और इसमें 30 मिनट से 1 घंटा लगता है. वहीं CT स्कैन कुछ ही मिनटों में हो जाता है. कुछ मामलों में दोनों ही स्कैन कराने पड़ते हैं, तब जाकर परेशानी का पता चल पाता है.

डॉक्टर MRI तब करवाते हैं, जब किसी को न्यूरोलॉजिकल समस्या हो या मसल्स, लिगामेंट, जॉइंट की गहरी चोट हो. वहीं CT स्कैन का इस्तेमाल सिर पर चोट, फ्रैक्चर, फेफड़ों के रोग, आंतरिक ब्लीडिंग या कैंसर की जांच के लिए किया जाता है. कुछ मामलों में डॉक्टर दोनों स्कैन की जरूरत बताते हैं. CT स्कैन में रेडिएशन होता है, जिससे बार-बार कराना नुकसानदायक हो सकता है. हालांकि एक या दो बार करवाने से कोई बड़ा खतरा नहीं होता है. MRI में रेडिएशन नहीं होता है, लेकिन अगर मरीज के शरीर में पेसमेकर, मेटल का कोई चीज या इम्प्लांट हो तो MRI से परेशानी हो सकती है. इन दोनों जांचों से पहले डॉक्टर को सभी मेडिकल कंडीशन्स बताना जरूरी होता है.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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MRI और CT Scan में क्या अंतर होता है? कब पड़ती है इन दोनों स्कैन की जरूरत

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