व्हिस्कीक्या है
व्हिस्की डिस्टिल्ड शराब है. यह अनाज को फर्मेंट कर बनाया जाता है यानी अनाज से अर्क निकाला जाता है और उसके बाद इसे लकड़ी के बैरल में कई दिनों तक मेच्योर्ड किया जाता है. मतलब इसे पकाया जाता है और शुद्ध किया जाता है. दुनिया भर में व्हिस्की के कई रूप होते हैं: बर्बन, स्कॉच, आयरिश व्हिस्की, जापानी व्हिस्की आदि. हर प्रकार की विशिष्ट पहचान उसमें उपयोग किए गए अनाज पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, स्कॉच आमतौर पर माल्टेड जौ से बनाई जाती है. बर्बन में मुख्य रूप से मक्का होना चाहिए और राई व्हिस्की में राई अनाज की प्रधानता होती है.
स्कॉच क्या है
रिपोर्ट की मानें तो स्कॉच विशेष रूप से उस व्हिस्की को कहा जाता है जो केवल स्कॉटलैंड में बनाई जाती है. स्कॉटलैंड यानी ब्रिटेन की एक स्वायत्त प्रदेश. वहां पर स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन है. व्हिस्की को स्कॉच में बनाने के लिए इस एसोशिएशन ने सख्त दिशा-निर्देश निर्धारित कर रखी है. जो इस दिशानिर्देश के तहत तैयार होती है वही स्कॉच है. इन नियमों में यह तय किया गया है कि व्हिस्की कैसे और कहां बनाई जानी चाहिए, उसे कितने समय तक परिपक्व किया जाना चाहिए और उसमें न्यूनतम अल्कोहल की मात्रा कितनी होनी चाहिए.
स्कॉच व्हिस्की आमतौर पर माल्टेड जौ से डिस्टिल की जाती है और ओक की बनी हुई बैरल या कॉस्क में परिपक्व की जाती है. स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के अनुसार किसी भी स्कॉच व्हिस्की को कई आवश्यक शर्ते पूरी करनी होती है. इनमें स्कॉच को स्कॉटलैंड में डिस्टिल (आसवन) किया गया होना चाहिए, कम से कम तीन वर्षों तक स्कॉटलैंड में परिपक्व किया गया हो और इसमें अल्कोहल की मात्रा कम से कम 40 प्रतिशत हो. ये मानदंड ही स्कॉच को अन्य व्हिस्की से अलग बनाते हैं. हालांकि तीन साल न्यूनतम कानूनी आयु है. कई स्कॉच व्हिस्कियां इससे कहीं अधिक समय तक, कभी-कभी दशकों तक परिपक्व की जाती हैं. अधिकांश स्कॉच को दो बार डिस्टिल किया जाता है जबकि अन्य व्हिस्की को केवल एक बार ही डिस्टिल किया जाता है. यदि निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई भी कास्क स्कॉटलैंड से बाहर जाता है तो उस पेय को अब कानूनी रूप से स्कॉच नहीं कहा जा सकता.
स्कॉच का स्वाद कैसा होता है
कई लोग स्कॉच को उसके स्मोकी (धुएं जैसे) स्वाद से पहचानते हैं और यह अक्सर सच होता है. कुछ डिस्टिलरी अपने माल्टेड जौ को पीट (peat) की आग में सुखाते हैं जिससे एक खास तरह की धुएंदार और मिट्टी जैसी खुशबू आती है. हालांकि स्कॉच का कुल स्वाद काफी हद तक इसके प्रकार और उस क्षेत्र पर निर्भर करता है जहां यह बनाई जाती है. आमतौर पर स्कॉच में पाए जाने वाले स्वाद में वेनिला, कैरामेल, ओक (लकड़ी), मसाले और कभी-कभी सूखे फल या शहद के संकेत शामिल होते हैं.
5 प्रकार के स्कॉच व्हिस्की
1. सिंगल माल्ट स्कॉच: आम धारणा के विपरीत सिंगल माल्ट का मतलब यह नहीं है कि वह व्हिस्की एक ही बैरल या बैच से आई है. इसका अर्थ है कि वह व्हिस्की केवल माल्टेड जौ से बनी हो और केवल एक ही डिस्टिलरी में तैयार की गई हो. उदाहरण के लिए ग्लेन डोनाक सिंगल माल्ट में अलग-अलग बैरल और आयु की व्हिस्कियां हो सकती हैं लेकिन सभी एक ही डिस्टिलरी से होती हैं.
3.सिंगल ग्रेन स्कॉच: यह व्हिस्की भी एक ही डिस्टिलरी में बनाई जाती है, लेकिन इसमें केवल माल्टेड जौ का प्रयोग जरूरी नहीं है. इसमें गेहूं, मक्का (कॉर्न) या राय जैसे अन्य अनाज (माल्टेड या अनमाल्टेड) भी शामिल हो सकते हैं. इसका स्वाद आमतौर पर हल्का, मुलायम और थोड़ा मीठा होता है. इसे बड़े पैमाने पर आसानी से और कम लागत में बनाया जा सकता है, इसलिए इसका उपयोग ब्लेंडेड स्कॉच बनाने में अधिक होता है.
5. ब्लेंडेड स्कॉच: यह स्कॉच का सबसे लोकप्रिय प्रकार है. इसमें एक या अधिक सिंगल माल्ट व्हिस्कियों को एक या अधिक सिंगल ग्रेन व्हिस्कियों के साथ मिलाया जाता है, जो अक्सर अलग-अलग डिस्टिलरी से ली जाती हैं. Dewar’s, Johnnie Walker और The Famous Grouse जैसे ब्रांड्स इसी श्रेणी में आते हैं. यह आसानी से उपलब्ध होता है और पीने में सहज होता है, इसलिए यह आम व्हिस्की पीने वालों के लिए पहली पसंद बन चुका है.
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