देवउठनी एकादशी (एक नवंबर) के साथ शादी-ब्याह का मौसम शुरू हो गया है। इस साल मध्यप्रदेश में 1 नवंबर से 14 दिसंबर तक कुल 1.85 लाख शादियां होने जा रही हैं। यह संख्या पिछले साल से लगभग 30 हजार ज्यादा है। पिछले साल इसी अवधि में 1.56 लाख शादियां हुईं थी। इ
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ऐसे में शादियां 25 दिन ही होंगी। इनमें भी 11 दिन ही मुहूर्त हैं। यानी कम दिनों में ही ज्यादा आयोजन होंगे। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 15 से 25 अक्टूबर के बीच भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित 12 शहरों में स्टडी की।
कैट ने वेडिंग प्लानर, बैंक्वेट हॉल, रिटेलर्स और ट्रेड एसोसिएशनों से डेटा जुटाया। इसके मुताबिक, इन 1.85 लाख शादियों से 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान है। यह अनुमान शादी के लिए हुई प्री-बुकिंग्स पर आधारित है।
ट्रेड एसोसिएशनों और इवेंट कंपनियों से मिले आंकड़ों के अनुसार, करीब 20% यानी 6 हजार करोड़ रुपए का बिजनेस पहले ही हो चुका है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा सोने-चांदी के गहनों का है, जबकि शेष राशि कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक्स, कैटरिंग और सजावट सेवाओं पर खर्च हो रही है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का मप्र के 12 शहरों में सर्वे… दावा- इस बार स्थानीय उत्पादों की ज्यादा खरीद होगी
पिछले साल की इसी अवधि से 30 हजार शादियां अधिक… 3 हजार करोड़ अधिक कारोबार की संभावना
प्रति शादी बढ़ा खर्च, सोने-चांदी की कीमत में उछाल भी वजह…
कैट की स्टडी बताती है कि इस बार शादियों की संख्या पिछले साल से थोड़ी ही ज्यादा है, लेकिन प्रति शादी खर्च में बड़ा उछाल आया है। प्रति शादी औसतन खर्च 4 लाख से 1 करोड़ तक पहुंच गया है। खर्च बढ़ने के पीछे त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं का बढ़ता विश्वास, आय में इजाफा और सोने-चांदी की बढ़ती कीमतें प्रमुख कारण हैं।
अनुमान- हैंडीक्राफ्ट, गिफ्ट के कारण शादी में 70% तक खरीदारी स्वदेशी कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भूपेंद्र जैन और प्रदेश प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा के मुताबिक, ‘लोग अब शादी में कपड़े, गहने, डेकोरेशन और गिफ्ट जैसी 70% खरीदी लोकल उत्पादों से कर रहे हैं। इससे पारंपरिक कारीगरों, हैंडीक्राफ्ट, वस्त्र और जूलरी कारोबार को नया जीवन मिल रहा है।’ चीनी लाइटिंग, डेकोरेशन और गिफ्ट आइटम की मांग में लगातार कमी आई है, जबकि स्थानीय ज्वेलर्स, कपड़ा निर्माताओं और इवेंट डेकोरेटर्स को बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं।
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