वैक्सीन या दवा? भारत में चिकुनगुनिया से बचने के लिए क्या हैं उपाय? NCVBDC ने बताया

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How to prevent chikungunya: चिकुनगुनिया वायरस के केसेज लगातार बढ़ रहे हैं. हालांक‍ि अभी तक न तो इसकी कोई वैक्‍सीन बनी है और न ही इसे ठीक करने की कोई दवा है. चिकुनगुनिया होने पर सिर्फ लक्षणों आधार पर इलाज किया ज…और पढ़ें

चिकनगुनिया की दवा या वैक्‍सीन अभी नहीं बनी है.

हाइलाइट्स

  • चिकुनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचें.
  • खूब पानी पीएं और शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें.
  • लार्वीवोरस मछलियां पानी में छोड़ें.
Chikungunya Virus infection treatment and prevention: हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने (WHO) चिकुनगुनिया को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है. एशिया और यूरोप के कई देशों में इसके लगातार बढ़ते मामलों ने चिंता पैदा कर दी है. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ की मेडिकल ऑफिसर डायना रोजास अल्वारेज ने बताया कि वर्तमान में 119 देशों में लगभग 560 करोड़ लोग चिकनगुनिया इंफेक्शन के खतरे में हैं. यह वायरस तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द और कुछ मामलों में विकलांगता का कारण बन सकता है. खास बात है कि इस वायरस की अभी तक न तो कोई वैक्सीन बनी है और न ही इसकी कोई तय दवा है, जिससे इसका इलाज किया जा सके.

इस बीमारी में भी कोरोना की तरह सिर्फ लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है.हालांकि नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की ओर से बताया गया है कि अगर कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए तो न केवल इस बीमारी से बचा जा सकता है, बल्कि इसके गंभीर परिणामों को भी रोका जा सकता है.

मच्छरों से बचाव करें
एनसीवीबीडीसी की ओर से जारी गाइडलाइस बताती हैं कि चिकुनगनिया एडीज मच्छर के काटने से फैलता है ऐसे में बारिश में मौसम में सबसे बड़ी परेशानी बन चुके मच्छरों को भगाने का प्रबंध करें. कोशिश करें कि मच्छर आपको काटने न पाएं. इसके लिए घरों में मॉस्कीटो नेट, मॉस्कीटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें जब भी घरा से बाहर निकलें तो पूरी आस्तीन और पैरों को पूरा ढके हुए कपड़े पहनें. खासतौर पर इस मौसम में बाहर पार्कों में खेलने वाले बच्चों का ध्यान रखें.घरों में मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए अगर कहीं पानी इकठ्ठा हो रहा है तो उसे साफ कर दें. ध्यान रखें कि कहीं भी बारिश या एसी आदि का पानी जमा न हो .

खूब पानी पीएं
चिकुनगुनिया में सबसे ज्यादा गंभीर समस्या तब होती है जब मरीज का शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है.ऐसी स्थिति में मरीज को ठीक होने में भी काफी समय लगता है. लिहाजा इन दिनों में पानी का इंटेक बढ़ा दें. इसके अलावा तरल पदार्थ जैसे जूस, नारियल पानी, नीबू पानी, छाछ आदि लेते रहें. शरीर में पानी की कमी न होने दें. ऐसे में अगर किसी को चिकुनगुनिया हो भी जाता है तो वह आसानी से उबर जाएगा.

छिड़कें ये दवा
एनसीवीबीडीसी के अनुसार अगर कोई ऐसी जगह है जहां से पानी को खाली नहीं किया जा सकता है तो वहां सप्ताह में एक दिन टेमेफॉस छिड़का जा सकता है. वहीं अंदर कमरों में जहां बड़े मच्छर छिपे होते हैं वहां या रेडी टू यूज इमल्सन पायरेथ्रम एक्सट्रैक्ट का छिड़काव कर सकते हैं.

मछलियां रखना है भी है उपाय
चिकुनगुनिया के मच्छरों को चट कर जाने वाली लार्वीवोरस मछलियां जैसे गैम्बूजिया और गप्पी को भी वॉटर टैंकों या अन्य पानी की जगहों में छोड़ा जा सकता है.

प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस… और पढ़ें

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वैक्सीन या दवा? भारत में चिकुनगुनिया से बचने के लिए क्या हैं उपाय?

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