वॉशिंगटन5 मिनट पहले
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अमेरिकी सरकार ने टेक कंपनी इंटेल में 10% हिस्सेदारी ले ली है। सरकार इसके बदले कंपनी को करीब 8 बिलियन डॉलर की सब्सिडी देगी। इस बात की जानकारी अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने दी है। जानकारी देते हुए लुटनिक ने X पोस्ट में लिखा,

बड़ी खबर, अमेरिकी सरकार अब महान अमेरिकी टेक कंपनियों में से एक, इंटेल का 10% हिस्सा रखती है। इस ऐतिहासिक समझौते से सेमीकंडक्टर सेक्टर में अमेरिकी नेतृत्व मजबूत होगा, इससे हमारी अर्थव्यवस्था को ग्रोथ मिलेगा और अमेरिकी टेक सेक्टर को सिक्योरिटी। इंटेल के CEO को इस समझौते के लिए धन्यवाद।
ट्रम्प बोले- CEO नौकरी बचाने आए थे, लेकिन 10 बिलियन डॉलर दे गए
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कंपनी के CEO लिप-बू टैन बीच हाल में हुई एक मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने टैन को उनकी कथित चीन से संबंधों की वजह से इस्तीफा देने के लिए कहा था। कंपनी में 10% हिस्सेदारी की बात पर ट्रम्प ने कहा कि उनके लिए यह एक बहुत अच्छी डील है। CEO ने अपनी नौकरी बचा ली।

सरकार की हिस्सेदारी से कंपनी का ग्रोथ बढ़ेगा
ट्रम्प प्रशासन ने इंटेल में यह हिस्सेदारी इसलिए ली है ताकी अमेरिका में चिप मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके। इंटेल अमेरिका की इकलौती कंपनी है जो सबसे तेज और मॉडर्न चिप्स बना सकती है। लेकिन बीते कुछ साल में कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप्स मार्केट में एनवीडिया और AMD जैसी कंपनियों से पिछड़ गई है।
इसके अलावा, इंटेल की ओहायो में बन रही एक बड़ी फैक्ट्री में देरी हो रही है, जो ट्रम्प के लिए काफी खास है। क्योंकि यह प्रोजेक्ट न केवल आर्थिक बल्कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कंपनी को ₹68,100 करोड़ की सब्सिडी मिलेगी
ब्लूमबर्ग के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने कंपनी में यह हिस्सेदारी 2022 के CHIPS एक्ट के तहत ली है। जिसमें कंपनी को शेयर के बदले सब्सिडी दी जाएगी। इस एक्ट के तहत इंटेल को पहले ही करीब 7.8 बिलियन डॉलर (करीब ₹68,100 करोड़) की सब्सिडी की मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें से 2.2 बिलियन डॉलर (करीब ₹19,200 करोड़ ) मिल चुके हैं। अब ट्रम्प प्रशासन बाकी बचे 5.7 बिलियन डॉलर (करीब ₹49,764 करोड़) और कुछ अतिरिक्त फंडिंग को इंटेल के शेयरों में निवेश करने की योजना बना रहा है।
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Intel इस साल 24,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी: कंपनी ने कॉस्ट कटिंग और रिस्ट्रक्चरिंग के चलते यह फैसला किया

दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों में से एक इंटेल इस साल अपनी वर्कफोर्स में से एक-चौथाई हिस्सा यानी 24,000 कर्मचारियों (25%) से ज्यादा की छंटनी करेगी। कंपनी ने नए CEO लिप-बु तान की लीडरशिप में बड़े पैमाने पर कॉस्ट कटिंग और रिस्ट्रक्चरिंग की घोषणा की है।
इसके साथ ही इंटेल ने जर्मनी और पोलैंड में अपने जरूरी एक्सपेंशन प्रोजेक्ट्स को भी रद्द कर दिया है। क्योंकि कंपनी अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने और बाजार में कॉम्पिटिशन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
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