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Hyderabad News: तेलंगाना में पक्षियों की विविधता पर अध्ययन में 452 प्रजातियों की पहचान हुई है. स्पर-विंग्ड लैपविंग भारत में पहली बार देखा गया है. शोध उस्मानिया यूनिवर्सिटी और हैदराबाद बर्डिंग पाल्स ने किया है.
हाइलाइट्स
- तेलंगाना में 452 पक्षी प्रजातियों की पहचान हुई.
- स्पर-विंग्ड लैपविंग भारत में पहली बार देखा गया.
- तेलंगाना का पर्यावरण पक्षियों के लिए अनुकूल स्थल है.
इस अध्ययन के अनुसार स्पर-विंग्ड लैपविंग को पहली बार भारत में देखा गया है. यह पक्षी आमतौर पर अफ्रीका और मध्य एशिया में पाया जाता है. इसके पंखों पर छोटे-छोटे नुकीले हिस्से होते हैं जिन्हें ‘स्पर’ कहा जाता है. यह पक्षी ज़्यादातर झाड़ियों और खुले मैदानों में निवास करता है. तेलंगाना में इसकी उपस्थिति पक्षी प्रेमियों के लिए एक सुखद आश्चर्य रही है.
तेलंगाना का वातावरण झीलों, नदियों और जंगलों से भरपूर है. इसी कारण यह इलाका प्रवासी पक्षियों के लिए भी एक आकर्षण बन चुका है. स्टडी के दौरान यह भी सामने आया कि कई पक्षी प्रजातियां दुर्लभ और संरक्षित श्रेणी में आती हैं जिन्हें संरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है. राज्य का भौगोलिक और पारिस्थितिकीय स्वरूप पक्षियों की विविधता के लिए बेहद अनुकूल है.
पक्षियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है और रिसर्च
वैज्ञानिकों का कहना है कि तेलंगाना में पक्षियों की विविधता को समझने और सुरक्षित रखने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है. अगर पर्यावरण को स्वच्छ रखा जाए और प्राकृतिक पारिस्थितिकी को बनाए रखा जाए, तो यहां भविष्य में और भी दुर्लभ व विदेशी पक्षी देखे जा सकते हैं. यह स्टडी न केवल पक्षी प्रेमियों के लिए बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है.
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