Union Bank of India Q2 Result: सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं. इस दौरान बैंक का शुद्ध लाभ (Net Profit) घटकर 4,249 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 10% कम है.
मुनाफे में गिरावट की वजह
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैंक ने बताया कि मुख्य आय में कमी और बट्टे खाते में डाले गए खातों से वसूली (Recovery) घटने की वजह से मुनाफे पर दबाव आया. समीक्षाधीन तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (NII) 2.6% घटकर 8,812 करोड़ रुपये रह गई. ऋण वृद्धि दर 5% से भी कम रही, जबकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पिछले साल के 2.90% से घटकर 2.67% पर आ गया.
बैंक के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष पांडेय का कहना है कि अब हमारा फोकस टॉपलाइन ग्रोथ और प्रॉफिट स्टेबिलिटी के बीच बैलेंस बनाए रखने पर रहेगा. उन्होंने बताया कि बैंक खुदरा ऋण में तेजी से वृद्धि जारी रखेगा और वित्त वर्ष 2025-26 में कुल लोन बुक में 8-10% की वृद्धि का लक्ष्य रखता है.
अन्य आय (Other Income) सालाना आधार पर 6.24% घटकर 4,996 करोड़ रुपये रह गई. निवेश की बिक्री से लाभ 70% घटकर 192 करोड़ रुपये रहा. रिकवरी में भी 36% की गिरावट आई और यह 913 करोड़ रुपये पर सिमट गई. कुल प्रावधान 3,393 करोड़ रुपये से घटकर 2,565 करोड़ रुपये रहा. हालांकि मानक परिसंपत्तियों का प्रावधान (Standard Asset Provision) बढ़ाकर 882 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
कॉरपोरेट ऋण नीति
बैंक के सीएफओ अविनाश प्रभु ने कहा कि बैंक ने बड़े कॉरपोरेट लोन में सिर्फ 1% की वृद्धि की है, क्योंकि उधारकर्ताओं द्वारा मांगी गई ब्याज दरें बैंक की नीति के अनुरूप नहीं थीं. बैंक का फोकस अब सस्टेनेबल प्रॉफिटेबिलिटी पर है, आक्रामक लोन ग्रोथ पर नहीं. रिकवरी और अन्य आय में गिरावट मुनाफे पर सीधा असर डाल रही है. खुदरा लोन से ग्रोथ रिकवरी की उम्मीद है. आने वाले क्वार्टर में अगर क्रेडिट ग्रोथ और NIM में सुधार होता है, तो बैंक की प्रॉफिटेबिलिटी फिर मजबूत हो सकती है.
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