Rupee vs Dollar: लगातार दबाव झेल रहे भारतीय रुपये को मंगलवार को कुछ राहत मिली. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में गिरावट के बीच रुपया 21 पैसे मजबूत होकर 88.56 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. हालांकि विदेशी पूंजी की निकासी और डॉलर की मजबूती अभी भी रुपये के लिए चुनौती बनी हुई है.
क्यों मजबूत हुआ रुपया?
HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर चीफ एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि सोमवार को रुपये पर क्षेत्रीय मुद्राओं की कमजोरी और विदेशी डॉलर निकासी का दबाव रहा, लेकिन आरबीआई के हस्तक्षेप से स्थिति कुछ संभली. मंगलवार को क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और कुछ सुधार के संकेतों ने रुपये को समर्थन दिया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.55 प्रति डॉलर पर खुला. शुरुआती सौदों में यह 88.56 प्रति डॉलर तक पहुंचा- जो पिछले बंद भाव से 21 पैसे की मजबूती दिखाता है. सोमवार को रुपया 88.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
डॉलर और क्रूड ऑयल की चाल
डॉलर इंडेक्स (छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति) 0.04% बढ़कर 99.75 पर पहुंचा. ब्रेंट क्रूड (अंतरराष्ट्रीय मानक) 0.32% गिरकर 64.68 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. क्रूड ऑयल में यह गिरावट भारत के लिए राहत की बात है क्योंकि देश अपनी तेल जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है.
बीएसई सेंसेक्स 55 अंक टूटकर 83,923.48 पर और एनएसई निफ्टी 40.95 अंक गिरकर 25,722.40 पर रहा. एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) सोमवार को 1,883.78 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री पर रहे. विश्लेषकों के मुताबिक, इस हफ्ते अमेरिका से आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग और नॉन-मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जैसे प्रमुख आर्थिक आंकड़े आने वाले हैं, जो वैश्विक बाजारों की धारणा और मुद्रा विनिमय दरों की दिशा तय करेंगे.
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