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Bastar News: बस्तर के विवेक भारत ने 8 लाख की ऑटोमोबाइल नौकरी छोड़कर खेती को अपनाया. शुरुआती कठिनाइयों के बावजूद इजरायली तकनीक और आधुनिक कृषि पद्धतियों से उन्होंने खेती में सफलता पाई.
हाइलाइट्स
- खेतों में मिली वो पहचान जो ऑफिस में नहीं मिली
- खेत की मिट्टी और इजरायल की तकनीक
- विवेक की वापसी ने बदली बस्तर की तस्वीर
8 लाख के पैकेज को कहा अलविदा
विवेक ने भिलाई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. पढ़ाई के बाद परिवार के दबाव में उन्होंने नौकरी करने का फैसला किया और गोवा की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में सालाना 8 लाख रुपए के पैकेज पर काम करने लगे. लेकिन उनका मन इस नौकरी में नहीं लगा. उनका झुकाव हमेशा से खेती की ओर रहा. बचपन में उनकी दादी उन्हें खेतों में ले जाती थीं और खेती से जुड़ी बातें बताती थीं. परिवार के ज़्यादातर सदस्य और दोस्त भी किसान ही हैं, इसलिए विवेक का रुझान प्राकृतिक रूप से खेती की ओर था.
नौकरी छोड़ने के बाद जब विवेक ने खेती की शुरुआत की, तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. अनुभव की कमी के कारण उनकी फसलें बीमार पड़ गईं. धान में तना छेदक, बंकी और झुलसा जैसे रोग लग गए. अमरूद की फसल में एंथ्रेक्नोज, उकठा और छाल भक्षक कीटों ने नुकसान पहुंचाया. चीकू की फसल में पत्ती धब्बा रोग, चपटा अंग रोग और सूटी मोल्ड जैसी बीमारियां आईं, लेकिन विवेक ने हार नहीं मानी. उन्होंने कृषि विशेषज्ञों और अनुभवी किसानों से सलाह ली और वैज्ञानिक तरीकों से कीटनाशकों का सही उपयोग करना सीखा. इससे उनकी फसल की गुणवत्ता में सुधार आया और पैदावार भी बढ़ने लगी.
इजरायली तकनीक से मिली नई राह
शुरुआत में विवेक ने भिंडी, करेला जैसी सब्जियों की खेती की. लेकिन बाद में उन्होंने सुगंधित धान की किस्मों जैसे जवाफुल और तुलसी मंजरी की खेती शुरू की. इसके साथ ही उन्होंने आम, अमरूद, चीकू और शहतूत जैसे फलों के पेड़ भी लगाए. इन सभी फसलों को उन्होंने इजरायली मल्चिंग तकनीक से उगाना शुरू किया. इस विधि में नमी बनाए रखने, खरपतवार से बचाव और पोषण संतुलन में मदद मिलती है. इसका फायदा उन्हें सीधे मुनाफे में दिखने लगा.
ग्रामीणों के लिए बन रहे मिसाल
विवेक न सिर्फ खुद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गए हैं, बल्कि अब उन्होंने कई ग्रामीणों को भी रोजगार दिया है. उनकी खेती अब एक छोटे उद्योग का रूप ले चुकी है, जिससे स्थानीय युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है.उनकी कहानी यह साबित करती है कि यदि सही दिशा, तकनीक और जज़्बा हो, तो गांव में रहकर भी बड़ा बदलाव संभव है. विवेक भारत आज बस्तर के युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे हैं.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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