आज रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं: राखी बांधने के 3 मुहूर्त, जानिए पूजा की थाली में क्या-क्या रखें, राखी बांधने की विधि और मंत्र

3 घंटे पहले

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आज (9 अगस्त) रक्षाबंधन है। इस साल राखी पर भद्रा नहीं है यानी पूरे दिन रक्षाबंधन मनाने में कोई बाधा नहीं है। आज राखी बांधने के 3 शुभ मुहूर्त रहेंगे। जानिए राखी बांधने के शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र, राखी बांधने की विधि, कौन किसे रक्षासूत्र बांध सकता है…

मुहूर्त - ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा, उज्जैन

मुहूर्त – ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा, उज्जैन

तिलक के लिए चंदन का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि चंदन महकता है और शीतलता देता है। चंदन न हो तो कुमकुम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

तिलक के लिए चंदन का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि चंदन महकता है और शीतलता देता है। चंदन न हो तो कुमकुम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

शास्त्रों में रक्षासूत्र जिक्र…

ऋग्वेद: ऋग्वेद में भाई-बहन के पर्व के तौर पर रक्षाबंधन मनाने का जिक्र नहीं है, लेकिन इस वेद में रक्षासूत्र के बारे में बताया गया है। रक्षासूत्र किसी व्यक्ति की रक्षा की कामना से दाहिने हाथ की कलाई पर बांधा जाता था।

महाभारत: श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध कर दिया था। उस समय सुदर्शन चक्र से श्रीकृष्ण की भी उंगली कट गई थी। भगवान की उंगली से बहते खून को देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इस प्रेम और रक्षा के भाव से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने जीवनभर द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था।

गृह्यसूत्र: गृह्यसूत्र में वैदिक काल घरेलू नियम-विधान बताए गए हैं, इसमें रक्षाबंधन जैसे एक संस्कार के बारे में बताया गया है। इस संस्कार में व्यक्ति की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर यज्ञ, विवाह या युद्ध की सफलता हेतु आशीर्वाद लिया जाता है।

अन्य ग्रंथ और पुराण: स्कंद पुराण, मनुस्मृति और याज्ञवल्क्य स्मृति में बताया गया है कि रक्षासूत्र का इस्तेमाल पवित्रता और सुरक्षा के लिए किया जाता है।

वैदिक काल: वैदिक काल में रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाया जाता था, उस समय रक्षासूत्र बांधने की परंपरा थी, लेकिन वामन अवतार के समय जब महालक्ष्मी ने सावन पूर्णिमा पर राजा बलि को रक्षासूत्र बांधकर भाई बनाया, उसके बाद ये तिथि भाई-बहन के पर्व के रूप में मनाई जाने लगी।

लोक कथा: मध्यकालीन समय में चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा करने की प्रार्थना की थी। हुमायूं ने इसे स्वीकार करके रानी की सहायता के लिए सेना भेजी थी।

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