प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेना खतरनाक! पेट में पल रहे बच्चे को हो जाएगी ये गंभीर बीमारी, जानिए मुख्य कारण

Why Paracetamol is Not Eat in Pregnancy: गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को हर छोटी बात का ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है. क्‍योंकि, इस वक्त महिला अपने लिए कम, पेट में पल बच्चे के लिए ज्यादा जीती है. इसलिए छोटी सी लापरवाही भी शिशु के लिए घातक साबित हो सकती है. गर्भावस्था में दर्द एक कॉमन समस्या है. इसलिए प्रेग्‍नेंसी में जब भी बुखार या शरीर दर्द महसूस होता है तो बिना कुछ सोचे-समझे क्रोसिन, कालपोल, डोलो जैसी पैरासिटामोल की दवाइयां खा लेती हैं. लेकिन, रिसर्च की मानें तो ऐसा करने से खतरनाक है. यह सीधे तौर पर शिशु की सेहत पर असर डालती है. रिसर्च की मानें तो, गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल लेने से शिशु में ऑटिज़्म, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) और न्यूरो डेवलपमेंटल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिसर्च में कहा गया है कि एक बार जब पैरासिटामोल में मौजूद तत्व प्लेसेंटा के बैरियर को पार कर लेता है तो यह भ्रूण को काफी नुकसान पहुंचाता है और इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है और लिवर में खराबी आने लगती है. रिसर्च के मुताबिक प्रेग्नेंसी में बिना सोचे समझें पैरासिटामोल का इस्तेमाल बच्चों में रिप्रोडक्टिव और यूरोजेनाइटल डिसॉर्डर के जोखिम को बढ़ा सकता है. इस बीमारी में बच्चे का यूरेथ्रा (मूत्र छिद्र) जनन अंग के टिप पर नहीं खुलता.

पैरासिटामोल क्‍या है?

एलएजेपी हॉस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योत्सना देवी के मुताबिक, पैरासिटामोल को एसिटामिनोफेन के नाम से भी जाना जाता है. मेडिकल भाषा में यह बी कैटेगिरी की दवा है. इसका उपयोग दर्द और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है. ये ओवर द काउंट दवा है, इसलिए डॉक्‍टर के पर्चे के बिना भी लिया जा सकता है. प्रेग्नेंसी में थेरोपेटिक डोज में लेना सेफ है उससे अधिक बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है. बुखार और दर्द से बचने के लिए ही महिलाएं प्रेग्नेंसी में भी इसका अधिक सेवन कर लेंती हैं. डॉक्टर की मानें तो, प्रेग्नेंसी में अगर कोई महिला इसका सेवन करें तो एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है.

क्या पैरासिटामोल लेने से मिसकैरेज का खतरा?

एक्सपर्ट की मानें तो, ऐसा नहीं है कि पैरासिटामोल लेने से गर्भवती महिलाओं का मिसकैरेज हो सकता है. लेकिन, प्रेग्‍नेंसी में जितना हो सके दवाओं का सेवन कम ही करना चा‍हिए. दर्द और बुखार की गंभीरता के आधार पर 500 मिग्रा से 1000 मिग्रा की खुराक की जरूरत हर 4 से 6 घंटे में होती है.

पैरासिटामोल के कारण होने वाली दिक्‍कतें

जन्‍म विकार: प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में अधिक मात्रा में पैरासिटामोल लेने से शिशु में जन्‍म विकार हो सकता है. गर्भावस्‍था की पहली तिमाही में शिशु के महत्‍वपूर्ण अंगों का विकास होता है और पैरासिटामोल टेस्‍टोस्‍टोरान का स्‍तर कम कर देती है जो भ्रूण को प्रभावित कर सकता है.

सीखने की क्षमता में कमजोरी: प्रेग्‍नेंसी के दौरान किसी भी दवा का असर शिशु के मस्तिष्‍क के विकास पर पड़ सकता है. इसकी वजह से बच्‍चे की याद रखने और सीखने की क्षमता कमजोर हो सकती है.अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि पैरासिटामोल के भ्रूण को प्रभावित करने पर शिशु को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्‍ऑर्डर (एडीएचडी) और ऑटिज्‍म स्‍पैक्‍ट्रम डिस्‍ऑर्डर (एएसडी) हो सकता है.

सांस से जुड़ी परेशानियां: गर्भ में दवा के संपर्क में आने से शिशु को अस्‍थमा जैसी सांस से जुड़ी समस्‍याएं भी हो सकती हैं.

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