ये मुस्लिम बहुल मुल्क करने जा रहा अनोखा काम, जो दूसरा कोई देश नहीं कर पाया, टेक्नोलॉजी में निकल गया सबसे आगे

नई द‍िल्‍ली. अबू धाबी की कंपनी मदारी स्पेस ने अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने की योजना का खुलासा किया है, खासकर निचली पृथ्वी कक्षा (LEO) में, ताकि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में, मदारी स्पेस के सीईओ शरीफ अल रोमैथी ने बताया कि यह अमीराती कंपनी इस आइड‍िया पर विचार कर रही है ताकि पृथ्वी और अंतरिक्ष दोनों में उत्पन्न हो रहे डेटा की तेजी से बढ़ती मात्रा को संभाला जा सके.

स्‍पेस में डेटा सेंटर बनाने से क्‍या फायदा होगा?
रोमैथी ने बताया कि अर्थ ऑब्‍जर्वेशन सेटेलाइट्स से अंतरिक्ष में बहुत सारा डेटा उत्पन्न हो रहा है.  उन्होंने कहा क‍ि यह डेटा कच्चा और अनप्रोसेस्‍ड होता है और इसे पृथ्वी पर स्थित डेटा सेंटर्स में भेजने की आवश्यकता होती है. अगर हम डेटा केंद्रों को अंतरिक्ष में स्थापित करते हैं, तो हम इस डेटा को अंतरिक्ष में ही संग्रहीत और संसाधित कर सकते हैं, जिससे डेटा मालिकों को वास्तविक समय में निर्णय लेने में मदद मिलती है. मदारी स्पेस का लक्ष्य उपग्रह और विभिन्न अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ऑपरेटरों, साथ ही सरकारों और बड़ी कंपनियों जैसे ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करना है, जो अपने डेटा को सुरक्षित और स्थायी तरीके से अंतरिक्ष में संग्रहीत करना चाहते हैं.

एनर्जी सेवर बनेगा
इसके अलावा, एक तरह से अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाना अधिक ऊर्जा कुशल भी माना जा सकता है, क्योंकि अंतरिक्ष में तापमान बहुत कम होता है और कम परिवेशीय तापमान से गर्मी प्रबंधन का बोझ कम हो जाता है. इसलिए, अंतरिक्ष आधारित डेटा सेंटर को ठंडा करने के लिए कम बिजली की खपत होगी.

“हम मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर और संयुक्त राष्ट्र के बाह्य अंतरिक्ष मामलों के कार्यालय के साथ बहुत करीबी से काम कर रहे हैं. हमारी पहली मिशन की योजना 2026 की तीसरी तिमाही में है,” रोमैथी ने ब्लूमबर्ग को बताया जब उनसे कंपनी के वास्तविक प्रोजेक्ट के लॉन्च टाइमलाइन के बारे में पूछा गया, जो अभी भी R&D चरण में है. यह UAE की डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी उन्नति की महत्वाकांक्षाओं का एक और उदाहरण है.

हाल ही में, यह अपना खुद का स्टारगेट प्रोजेक्ट रखने वाला दूसरा देश बन गया है, जहां वैश्विक टेक दिग्गजों ने स्टारगेट UAE बनाने के लिए अपनी साझेदारी की घोषणा की है. यह 1GW कंप्यूट क्लस्टर G42 द्वारा बनाया जाएगा और OpenAI और Oracle से चलाया जाएगा. इस सहयोग में Cisco भी शामिल होगा, जो अपनी जीरो-ट्रस्ट सुरक्षा और AI-रेडी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और SoftBank Group के साथ-साथ NVIDIA भी शामिल होगा, जो नवीनतम NVIDIA Grace Blackwell GB300 सिस्टम की आपूर्ति करेगा.

और फिर है 5GW UAE-US AI कैंपस, जिसे G42 द्वारा बनाया जाएगा और कई अमेरिकी कंपनियों के साथ साझेदारी में संचालित किया जाएगा. यह प्रयास दोनों देशों की सरकारों द्वारा बनाए गए नए ढांचे – US-UAE AI एक्सेलेरेशन पार्टनरशिप – पर आधारित है, जिसका उद्देश्य AI और उन्नत तकनीकों पर सहयोग और साझेदारी को गहरा करना है. UAE और US मिलकर कंप्यूट संसाधनों की पहुंच को नियंत्रित करेंगे, जो अमेरिकी हाइपरस्केलर्स और अनुमोदित क्लाउड सेवा प्रदाताओं के लिए आरक्षित हैं.

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