18वीं शताब्दी में बना था ये शिव मंदिर, बाजीराव पेशवा से गहरा नाता, भादों के पहले सोमवार को यहां होगा कुछ दिव्य!

Khargone News: मध्य प्रदेश के खरगोन की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर में भगवान श्री काशी विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर, जो 18वीं शताब्दी में बाजीराव पेशवा प्रथम के शासनकाल में निर्मित हुआ था. मराठा स्थापत्य कला का यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इतिहास और संस्कृति का अद्भुद मेल भी है. माना जाता है कि बाजीराव पेशवा ने शिवलिंग की स्थापना तब की थी, जब यहां किले का निर्माण किया था. स्थापना के लिए बाहर से विद्वान पंडितों को बुलाया गया था.

10 अगस्त से आयोजनप
हर साल भादो मास के प्रथम सोमवार को भगवान श्री काशी विश्वनाथ की शाही सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलती है. इस वर्ष यह आयोजन 11 अगस्त को होगा, जबकि इससे एक दिन पूर्व 10 अगस्त को शाम 4 बजे भगवान का नौका विहार मां नर्मदा के पावन जल में किया जाएगा. वर्ष 1999 में एक साधारण ठेले से शुरू हुई यह परंपरा अब 27 साल में एक भव्य आयोजन का रूप ले चुकी है.

8 से 10 घंटे तक चलेगा नगर भ्रमण
शिवडोला समिति के अनुसार, भगवान की फूलों से सजी पालकी मंडलेश्वर नगर में करीब 8 से 10 घंटे तक भ्रमण करेगी. इस दौरान नगरवासियों द्वारा जगह-जगह पूजन, आरती और स्वागत किया जाएगा. आयोजन को लेकर पूरे नगर में उत्सव जैसा माहौल है, और तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं. जिले भर से हजारों श्रद्धालु इस आयोजन में हिस्सा लेंगे.

शाही सवारी में रहेगा ये खास
समिति संयोजक मनीष राठौड़ ने बताया कि इस बार की शोभायात्रा में उज्जैन और इंदौर की तर्ज पर बैंड बजेंगे. जिसमें की उज्जैन की तोप, भूतों की बारात, झांझ-डमरू, अखाड़े, मलखंब, ढोल-ताशे, डीजे और भजन मंडलियां सहित नगर के पांच प्रसिद्ध शिवालयों की झांकी मुख्य आकर्षण रहेंगे. वहीं, धरमपुरी, धामनोद और अन्य स्थानों के बैंड भी सवारी में हिस्सा लेंगे, जो इसे और भव्य बनाएंगे.

हरि-हर मिलन रहेगा मुख्य आकर्षण
सवारी की सबसे बड़ी विशेषता होती है हरि-हर मिलन, जिसमें भगवान शिव नर्मदा तट पर स्थित कृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण से मिलते हैं. इसके पहले राम मंदिर के समीप दोपहर 2 बजे शिव-शक्ति मिलन भी होगा. हरि-हर मिलन के बाद महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए अलौकिक अनुभूति का क्षण होगा.

व्यंजनों से महकेगा मंडलेश्वर
शाही सवारी के दौरान नगर में लगभग 25 से 30 स्थानों पर विभिन्न व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे. इनमें रबड़ी, दही बड़े, मक्खन बड़े, आलू बड़े, पोहा, भजिए, मिठाई, चाय सहित कई पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाते है. जो इस आयोजन को भक्ति, सेवा और सांझा संस्कृति का जीवंत उदाहरण बनाते हैं.

अनोखा शिव पंचायतन मंदिर
बता दें कि, भगवान काशी विश्वनाथ का यह मंदिर बेहद खास है. यह शिव पंचायतन मंदिर है, जो कहीं-कही होते है. सावन में यहां प्रति सोमवार भगवान का विशेष श्रृंगार होता है. शाही सवारी वाले दिन भगवान का रुद्राभिषेक होगा. फिर भगवान प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस शाही सवारी में नगर सहित आस पास के कई गांवों के लोग भी शामिल होते है.

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