खरपतवार नहीं, संजीवनी है ये पौधा! गठिया-जोड़ों के दर्द से लेकर पेट की हर परेशानी में है रामबाण औषधि

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Kharati Health Benefit: राजस्थान के सीकर जिले में पाए जाने वाला खरैटी यानी अतिबला एक ऐसा औषधीय पौधा है, जो आमतौर पर अनदेखा रह जाता है. लेकिन वैद्य महिपाल पिपराली के अनुसार, यह पौधा पेट की समस्याएं, मुंह की दुर्…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • बहुउपयोगीय औषधि वाला पौधा है अतिबला
  • पेट दर्द, गठिया, त्वचा रोग में बेहद असरदार है अतिबला
  • अतिबला का काढ़ा, रस या तेल है बेहद फायदेमंद
सीकर. हमारे आस-पास प्राकृतिक रूप से उगने वाले कई ऐसे पौधे होते हैं, जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं या खरपतवार समझकर उन्हें उखाड़ फेंक देते हैं. जबकि इनमें ऐसे अनेकों औषधीय पौधे भी होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है खरैटी. यह पौधा दिखने में सामान्य सा लगता है. लेकिन, आयुर्वेद में यह पौधा अपने औषधि गुणों के लिए प्रसिद्ध है. वैद्य महिपाल पिपराली ने बताया कि खरैटी को अतिबला के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा कई जगहों पर इस पौधे को कंघी के नाम से भी जाना जाता है.

यह छोटा झाड़ी नुमा पौधा होता है, लेकिन इसमें अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर को न केवल बीमारियों से बचाते हैं बल्कि ताकत और ऊर्जा भी प्रदान करते हैं. आयुर्वेद में इस पौधे को विशेष स्थान प्राप्त है. उन्होंने बताया कि खरैटी यानी अतिबला के उपयोग से पेट से जुड़ी परेशानियां, सांसों की दुर्गंध, मूत्र विकार, जोड़ों का दर्द, सूजन और त्वचा संबंधी कई समस्याओं से राहत मिल सकती है. उन्होंने बताया कि यदि इस पौधे का उपयोग सही तरीके से किया जाए, तो यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाने में मदद करता है.

कई बीमारियों से लड़ने में है सहायक

वैद्य महिपाल पिपराली ने बताया कि खरैटी के पत्ते और जड़ें औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी तत्व होते हैं, जो कई रोगों से लड़ने में शरीर की सहायता करते हैं. खास तौर पर इसका काढ़ा या पत्तों का रस पेट दर्द में बेहद लाभदायक होता है. गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी आम समस्याओं से राहत पाने के लिए अतिबला का काढ़ा पीना काफी प्रभावी माना गया है. वहीं, जिन लोगों को बार-बार पेट में ऐंठन या दर्द की शिकायत रहती है. उनके लिए यह पौधा किसी प्राकृतिक रामबाण औषधि से काम नहीं है. मुंह की दुर्गंध से परेशान लोगों के लिए भी अतिबला काफी उपयोगी है. इसके पत्तों को चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है, साथ ही इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व दांतों और मसूड़ों को भी मजबूत करते हैं.

वैद्य ने बताया कि इसके अलावा मूत्र विकारों में भी यह पौधा राहत देता है. जिन लोगों को पेशाब में जलन, संक्रमण या बार-बार पेशाब आने की शिकायत होती है, उनके लिए अतिबला फायदेमंद सिद्ध हो सकता है. गठिया (अर्थराइटिस) और जोड़ों के दर्द में भी यह पौधा अत्यंत उपयोगी माना गया है. इसके पत्तों को उबालकर जोड़ों पर लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है. साथ ही इसका तेल हड्डियों को मजबूत करने और दर्द में आराम देने का काम करता है. शारीरिक कमजोरी और थकान की स्थिति में भी यह पौधा काफी मददगार होता है. इसके पत्तों का रस या चूर्ण शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाने और हीमोग्लोबिन की मात्रा सुधारने में सहायक होता है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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