6 महीनों में इस शख्‍स ने कमाया सबसे ज्‍यादा मुनाफा, ₹67000 करोड़ है नेट वर्थ

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Success Story- सोलर इंडस्‍ट्रीज के सह-संस्‍थापक सत्‍यनाराण नुवाल साल 2025 की पहली छमाही में सबसे ज्‍यादा मुनाफा कमाने वाले उद्योगपति हैं. केवल एक हजार रुपये लगाकर अपना कारोबारी सफर शुरू करने वाले नुवाल आज 67527…और पढ़ें

सत्यनारायण नुवाल की दौलत पिछले छह महीनों में सबसे ज्‍यादा बढी है.

हाइलाइट्स

  • सोलर इंडस्‍ट्रीज के सह-संस्‍थापक हैं सत्‍यनारायण नुवाल.
  • राजस्‍थान के भीलवाडा में हुआ था नुवाल का जन्‍म.
  • नुवाल के पिता पटवारी थे.
Success Story : भारत के टॉप-20 उद्योगपतियों के लिए साल 2025 की पहली छमाही शानदार रही है. इस अवधि में शेयर बाजार में भारी उतार-चढाव के बावजूद भी इनका औसत रिटर्न 15.6% रहा है. सेंसेक्स ने पहली छमाही में सिर्फ 7.11% रिटर्न दिया है. टॉप-20 उद्योगपतियों में सोलर इंडस्ट्रीज के सह-संस्थापक और चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल की दौलत में सबसे ज्‍यादा इजाफा हुआ है. ब्‍लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, उनकी संपत्ति पिछले छह महीनों में ही 78.4 फीसदी बढकर 67527 करोड़ रुपये हो गई है. वहीं, इस अवधि में आरजे कॉर्प के चेयरमैन रवि जयपुरिया की संपत्ति सबसे ज्‍यादा 24.6% घटी है. सोलर इंडस्ट्रीज के शेयर 2023 में 54% तो 2024 में 45%  चढे.

सत्‍यनारायण नुवाल का कारोबारी सफर बड़ा संघर्षपूर्ण रहा है. उनका जन्‍म राजस्‍थान के भीलवाड़ा में हुआ. उनके पिता पटवारी थे. दादा की छोटी सी परचून की दुकान थी. पिता के नौकरी से रिटायर होने के बाद उनका परिवार आर्थिक संकट से घिर गया. आर्थिक तंगी के कारण वे केवल 10वीं तक ही पढ़ पाए. छोटी उम्र में ही घरवालों ने उनकी शादी कर दी. घर का खर्च चलाने को उन्‍होंने फाउंटेन पेन की स्‍याही का कारोबार शुरू किया. लेकिन, यह धंधा चला नहीं और सत्‍यनारायण को काफी घाटा हुआ.

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रेलवे प्‍लेटफार्म पर बितानी पड़ी रातें

साल 1977 में सत्‍यनारायण महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्हारशाह में काम की तलाश में आ गए. यहां कई दिन तक उन्‍हें नौकरी नहीं मिली. कमरा किराए पर लेने को पैसे न होने के कारण नुवाल ने कई रातें रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेटफॉर्म पर गुजारी. बाद में उनकी मुलाकात विस्‍फोटकों के व्‍यापारी अब्दुल सत्तार अल्लाहभाई से हुई. सत्‍यनारायण ने भांप लिया कि विस्‍फोटकों के धंधे में अच्‍छी कमाई है. लेकिन, समस्‍या यह थी कि विस्‍फोटकों का कारोबार करने के लिए लाइसेंस और गोदाम की जरूरत थी. ये दोनों ही उनके पास नहीं थे.

अब्‍दुल के पास काम करके उन्‍होंने कुछ पैसे जोड़े. सत्‍यनारायण ने 1000 हजार रुपये महीना अब्‍दुल सत्‍तार को देकर उनके गोदाम में ही अब्‍दुल के ही लाइसेंस पर विस्‍फोटक बेचने शुरू कर दिए. वे 250 रुपये का विस्‍फोटक खरीदकर उसे 800 रुपये में बेचते थे. अपनी मेहनत और सूझबूझ से सत्‍यनारायण ने जल्‍द ही अपना कारोबार अच्‍छा-भला बढ़ा लिया.

बैंक से कर्ज ले खोली कंपनी

कुछ समय बाद विस्‍फोट बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी इंपीरियल केमिकल्‍स इंडस्‍ट्री ने सत्‍यनारायण को अपना वितरक बना लिया. वितरक बनना सत्‍यनारायण के जीवन का टर्निंग प्‍वाइंट साबित हुआ. इससे उनका बिजनेस खूब बढ़ा और वे आर्थिक रूप से काफी सक्षम हो गए. साल 1995 आते-आते सत्‍यनारायण नुवाल को विस्‍फोटक बनाने और बेचने का लंबा अनुभव हो चुका था. वे इस फील्‍ड में कुछ बड़ा करना चाहते थे. इसी के मद्देनजर उन्‍होंने साल 1995 में अपनी कंपनी बना ली. कंपनी की स्‍थापना के लिए उन्‍होंने बैंक से 60 लाख रुपये कर्जा लिया था. एक साल बाद यानी 1996 में उन्हें 6,000 टन विस्फोटक सालाना बनाने का लाइसेंस मिला.

वर्ष 2010 में सोलर इंडस्‍ट्रीज देश की पहली निजी कंपनी थी जिसे भारत सरकार से भारत के रक्षा बलों के लिए हथियार बनाने के लिए विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला था. साल 2021-22 में चार लाख टन सालाना की क्षमता के साथ वे दुनिया के चौथे सबसे बड़े विस्फोटक निर्माता और पैकेज्ड विस्फोटकों के सबसे बड़े निर्माता बन गए.

आज 67527 करोड़ नेटवर्थ

ब्‍लूमर्ब के अनुसार, सत्‍यनारायण नुवाल की नेटवर्थ अब 67527 करोड़ रुपये है. उनकी कंपनी सोलर इंडस्‍ट्रीज का बाजार पूंजीकरण आज 1.54 लाख करोड़ रुपये है. सत्‍यनारायण के पास सोलर इंडस्‍ट्रीज की करीब 70 फीसदी हिस्‍सेदारी है. सोलर इंडस्‍ट्रीज में करीब 8 हजार कर्मचारी काम करते हैं. आज सत्‍यनारायण की कंपनी ग्रेनेड, ड्रोन और वॉरहेड के लिए विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स बनाती है.

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