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Success Story: समस्तीपुर के उजियारपुर निवासी नीतू देवी जीविका समूह से लोन लेकर सिलाई व्यवसाय में सफल हुईं. अब उनके पास 12 सिलाई मशीनें हैं और दर्जनों महिलाएं काम करती हैं. जिला प्रशासन से ऑर्डर भी मिलते हैं.
नीतू देवी के पास अब 12 सिलाई मशीनें हैं और उनके साथ प्रतिदिन दर्जनों महिलाएं काम करती हैं. ये महिलाएं सिलाई का काम सीखने भी आती हैं और मेहनताना भी कमाती हैं. नीतू देवी ने न सिर्फ खुद आत्मनिर्भरता हासिल की, बल्कि गांव की कई और महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना दिया है.
नीतू देवी को अब जिला प्रशासन की ओर से कई तरह के ऑर्डर मिलने लगे हैं. आंगनवाड़ी के बच्चों की ड्रेस हो या राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगे झंडे की सिलाई. हर जिम्मेदारी नीतू देवी की टीम को सौंपी जा रही है. उन्होंने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि 15 अगस्त के लिए झंडे सिलने का ऑर्डर उन्हें मिला है. इस साल भी 5000 से अधिक झंडे तैयार करने की योजना है. बीते साल उन्होंने सिर्फ दो दिन में 2500 झंडे सिलकर जिला प्रशासन को सौंपे थे.
जीविका बनी सहारा
उनका कहना है कि ‘मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती’, और यही कारण है कि वे आज आत्मनिर्भर हैं और दूसरों को भी सहारा दे रही हैं. नीतू देवी अब महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी हैं. नीतू बताता हैं कि यदि इरादे मजबूत हों तो एक मशीन से भी तकदीर बदली जा सकती है.
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