ये है ‘सुपर भाजी’…हेयरफॉल, फोड़े-फुंसी और कमजोरी का रामबाण इलाज

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Lal Chenge Bhaji Benefits: लाल चेंज भाजी का रस मधुर कसाय होता है. यह भाजी दिखने में चिकनी और गीली होती है. इसके नियमित सेवन से शरीर अंदरूनी मजबूत होता है और यह खासकर उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है, जो ज्यादा …और पढ़ें

रायपुर. छत्तीसगढ़ की परंपरागत भाजियों में सेहत का खजाना छिपा है. आज हम आपको छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले लाल चेंज भाजी के बारे में बताने वाले हैं, जो न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत बनाने में भी अद्भुत असरदार मानी जाती है. आयुर्वेद विशेषज्ञों का दावा है कि यह भाजी कमजोरी, त्वचा रोग और बाल झड़ने जैसी समस्याओं का प्राकृतिक इलाज है, जिसे आज के आधुनिक खानपान में शामिल कर इसका लाभ लिया जा रहा है.

राजधानी रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राजेश सिंह ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक भाजियों के महत्व पर चर्चा करते हुए एक बेहद खास भाजी की जानकारी दी, जिसका नाम है लाल चेंज भाजी. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि यह भाजी सिर्फ स्वाद में ही खास नहीं बल्कि इसके औषधीय गुण इसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं. लाल चेंज भाजी का रस मधुर कसाय होता है और यह भाजी दिखने में गीली और चिकनी होती है. इसके नियमित सेवन से शरीर को अंदरूनी मजबूती मिलती है और यह खासकर उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो अत्यधिक दुबले-पतले होते हैं, यानी यह भाजी शरीर को पुष्ट बनाती है, साथ ही प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से वजन बढ़ाने में सहायक हो सकती है.

खून को शुद्ध करने की क्षमता
उन्होंने बताया कि लाल चेंज भाजी में खून को शुद्ध करने की क्षमता भी पाई जाती है. इसके सेवन से शरीर में फोड़ा, फुंसी, बाल तोड़ जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं कम होती हैं. यह भाजी त्वचा को साफ करने में भी कारगर है क्योंकि यह सतह पर जमी मृत त्वचा कोशिकाओं और गंदगी को हटाने में मदद करती है. इससे त्वचा को नया जीवन मिलता है और निखार आता है. सिर्फ त्वचा ही नहीं, लाल चेंज भाजी बालों की सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. बाल झड़ने की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह एक सस्ता और सुलभ प्राकृतिक समाधान है. इसकी नियमित खपत से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और झड़ना कम होता है.

स्वादिष्ट, पौष्टिक और औषधीय उपहार
छत्तीसगढ़ की यह पारंपरिक भाजी गांवों में तो खूब प्रयोग होती रही है लेकिन शहरी इलाकों में धीरे-धीरे इसका उपयोग कम होता जा रहा है. ऐसे में आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि हमें अपनी पारंपरिक भाजियों को पहचानना और उन्हें अपनी थाली में फिर से शामिल करना चाहिए. लाल चेंज भाजी जैसी वनस्पति न केवल सेहतमंद जीवन की कुंजी है बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत की अमूल्य धरोहर भी है. लाल चेंज भाजी एक स्वादिष्ट, पौष्टिक और औषधीय उपहार है.

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ये है ‘सुपर भाजी’…हेयरफॉल, फोड़े-फुंसी और कमजोरी का रामबाण इलाज

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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