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अदरक हमारे रसोईघर की एक ऐसी सामग्री है जो न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है. आयुर्वेद में इसे महाऔषधि कहा गया है क्योंकि यह कई रोगों के उपचार में लाभकारी मानी जाती है. अदरक में मौजूद जिंजरोल, शोगोल और अन्य सक्रिय तत्व इसे प्राकृतिक दर्दनिवारक और सूजनरोधी बनाते हैं. आइए जानते है इसके फायदे…

अदरक हमारे रसोईघर की एक ऐसी सामग्री है जो स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है. आयुर्वेद में अदरक को महाऔषधि कहा गया है क्योंकि यह कई रोगों के उपचार में लाभकारी मानी जाती है. अदरक में मौजूद जिंजरोल, शोगोल और अन्य सक्रिय तत्व इसे प्राकृतिक दर्दनिवारक और सूजनरोधी बनाते हैं. यह न केवल पाचन को सुधारता है बल्कि प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है.

अदरक का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है. इसे कच्चा, सूखा (सौंठ) या पाउडर के रूप में खाया जाता है. सुबह खाली पेट अदरक के छोटे टुकड़े पर नमक और नींबू लगाकर खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है.

अदरक की चाय भी बेहद लोकप्रिय है, जो सर्दी-जुकाम और गले की खराश को दूर करने में मदद करती है. खाना पकाने के दौरान सब्जियों, दालों और सूप में अदरक डालने से न सिर्फ स्वाद बढ़ता है बल्कि शरीर को भी गर्माहट मिलती है अदरक का रस शहद के साथ मिलाकर लेने से खांसी और बलगम की समस्या कम होती है.

अदरक भूख बढ़ाने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. अदरक की चाय या अदरक का काढ़ा सर्दी, खांसी और गले के दर्द में असरदार है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की सूजन को कम करते हैं.

ब्लड शुगर कंट्रोल: नियमित सेवन से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और डायबिटीज मरीजों को लाभ मिलता है. अदरक शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है और मौसमी बीमारियों से बचाव करता है.

हालांकि अदरक बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है. अधिक मात्रा में अदरक खाने से पेट में जलन, एसिडिटी या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. गर्भवती महिलाओं को अदरक का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.
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