Bakasana ke fayde: इस भागदोड़ भरी जिंदगी में थकना या बीमार होना मना है. यदि ऐसा है तो आप बेहद ही सस्ते तरीके से खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. शारीरिक रूप से फिट, एक्टिव बनाए रख सकते हैं. आपका शरीर इसे करके फ्रेश महसूस करेगा. तनाव छूमंतर हो जाएंगे. योग एक ऐसा रास्ता है, जो न केवल शरीर को मजबूत करता है, बल्कि मन को भी शांत और स्थिर बनाता है. योग के कई आसनों में ‘बकासन’ बेहद आसन है. शुरुआत में अभ्यास करने में यह थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन नियमित करने से बेहद आसान हो जाता है और शरीर को इसके कई फायदे भी पहुंचते हैं. बकासन न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी फायदा पहुंचाता है. यह तनाव कम करता है. मन को शांत करता है. आत्मविश्वास बढ़ाता है.
बकासन के फायदे
-आयुष मंत्रालय के मुताबिक, बकासन करने से हाथों, कंधों और कोहनी की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. जब आप इस आसन में शरीर का पूरा वजन हाथों पर डालते हैं, तो धीरे-धीरे हाथों की पकड़ और ताकत बढ़ती है. इससे शरीर का ऊपरी हिस्सा मजबूत होता है.
-यह शरीर के संतुलन में सुधार लाता है. इस आसन को करते समय पूरा ध्यान शरीर के संतुलन पर होता है.
-इसके अलावा, बकासन करने से आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ती है. इस आसन को करने के दौरान ध्यान एक ही जगह केंद्रित करना होता है. इससे मन भटकता नहीं और एकाग्रता बढ़ती है. इसका असर आपके रोजमर्रा के जीवन पर दिखाई देता है. आप अपने काम में ज्यादा ध्यान लगा पाते हैं और आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
-जो लोग पाचन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए बकासन बेहद लाभकारी है. इस आसन को करते समय पेट की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया तेज होती है. यह गैस, अपच या कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है.
-लगातार बैठे रहने वाले कामकाजी लोगों को यह आसन जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और उसमें लचीलापन आता है। यह आसन कमर को मजबूत बनाता है. पीठ दर्द जैसी समस्याओं को भी कम करने में मदद करता है. साथ ही यह मानसिक तनाव और चिंता को घटाता है.
बकासन करने की विधि
बकासन करने के लिए सबसे पहले पैरों के पंजों के बल उकड़ू बैठ जाएं यानी एड़ियां जमीन से ऊपर रहें. अब दोनों हथेलियों को पैरों के आगे जमीन पर रखें. उंगलियां फैली होनी चाहिए ताकि पकड़ मजबूत बने. अब धीरे-धीरे अपने शरीर का भार हाथों पर डालें और पैरों को जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करें. घुटनों को कोहनियों के पास टिकाएं और एड़ियों को नितंबों के पास रखें. इस स्थिति में शरीर को जितना हो सके स्थिर रखें और गहरी सांस लेते रहें. फिर धीरे से वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं.
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