ये हैं भारत के सबसे रहस्यमयी गांव, जहां आने के लिए मरते हैं विदेशी

हिमाचल प्रदेश की पार्वती घाटी में स्थित मलाना गांव अपनी अनोखी संस्कृति और रहस्यमयी परंपराओं के लिए मशहूर है. यहां के लोग खुद को सिकंदर महान की सेना का वंशज मानते हैं. गांव में बाहरी लोगों के लिए कई नियम हैं और यहां की अलग-थलग जीवनशैली विदेशी यात्रियों को काफी आकर्षित करती है.

खोनोमा गांव को एशिया का पहला 'ग्रीन विलेज' माना जाता है. यह गांव अपनी साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के लिए मशहूर है. यहां की जनजातीय संस्कृति और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे विदेशी सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं.

खोनोमा गांव को एशिया का पहला ‘ग्रीन विलेज’ माना जाता है. यह गांव अपनी साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के लिए मशहूर है. यहां की जनजातीय संस्कृति और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे विदेशी सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं.

मावलीनॉन्ग को 'एशिया का सबसे स्वच्छ गांव' कहा जाता है. यहां के लोग सफाई को बहुत महत्व देते हैं और पूरा गांव फूलों से सजा रहता है. इस गांव का ‘लिविंग रूट ब्रिज’ भी बड़ी खासियत है, जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं.

मावलीनॉन्ग को ‘एशिया का सबसे स्वच्छ गांव’ कहा जाता है. यहां के लोग सफाई को बहुत महत्व देते हैं और पूरा गांव फूलों से सजा रहता है. इस गांव का ‘लिविंग रूट ब्रिज’ भी बड़ी खासियत है, जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं.

स्पीति घाटी में स्थित किब्बर दुनिया के सबसे ऊंचे बसे हुए गांवों में से एक है. बर्फ से ढंके पहाड़, साफ आसमान और बौद्ध मठ यहां की पहचान हैं. यह जगह साहसिक और शांतिपूर्ण यात्रा के लिए विदेशी यात्रियों के बीच खास लोकप्रिय है.

स्पीति घाटी में स्थित किब्बर दुनिया के सबसे ऊंचे बसे हुए गांवों में से एक है. बर्फ से ढंके पहाड़, साफ आसमान और बौद्ध मठ यहां की पहचान हैं. यह जगह साहसिक और शांतिपूर्ण यात्रा के लिए विदेशी यात्रियों के बीच खास लोकप्रिय है.

कुरुंग गांव अपनी अनोखी जनजातीय परंपराओं और हरे-भरे नजारों के लिए जाना जाता है. यहां की स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली विदेशियों को अलग अनुभव देती है, जो उन्हें बार-बार यहां खींच लाती है.

कुरुंग गांव अपनी अनोखी जनजातीय परंपराओं और हरे-भरे नजारों के लिए जाना जाता है. यहां की स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली विदेशियों को अलग अनुभव देती है, जो उन्हें बार-बार यहां खींच लाती है.

चोपता को 'भारत का मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है. यह गांव तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला ट्रैक के लिए बेस पॉइंट है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, बर्फीले पहाड़ और शांत वातावरण विदेशी पर्यटकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है.

चोपता को ‘भारत का मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है. यह गांव तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला ट्रैक के लिए बेस पॉइंट है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, बर्फीले पहाड़ और शांत वातावरण विदेशी पर्यटकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है.

भारत के ये गांव न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए, बल्कि अपनी अनोखी परंपराओं और संस्कृति के कारण भी मशहूर हैं. इन गांवों की खासियत ही है कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटक अपनी यात्रा को जीवनभर याद रखते हैं.

भारत के ये गांव न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए, बल्कि अपनी अनोखी परंपराओं और संस्कृति के कारण भी मशहूर हैं. इन गांवों की खासियत ही है कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटक अपनी यात्रा को जीवनभर याद रखते हैं.

Published at : 08 Aug 2025 04:53 PM (IST)

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