पैरों में नजर आएं ये 8 लक्षण तो बिल्कुल भी न करें देर, तुरंत भागें डॉक्टर के पास

पैर हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं और ये सच में हमारी सेहत का हाल भी बताते हैं. पैरों में दिखने वाले कुछ लक्षण किसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकते हैं. अगर आपको अपने पैरों में कुछ भी असामान्य लगे, तो उसे नजरअंदाज न करें. समय पर इन लक्षणों को पहचानकर आप बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं. कानपुर के मशहूर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. एके मिश्रा कहते हैं कि आपके पैरों में कुछ खास लक्षण दिखें तो उन्हें नजरअंदाज न करें. ये किसी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं, जिनके लिए तुरंत डॉक्टर को सलाह लेना जरूरी है.

पैरों और टखनों में सूजन

पैरों और टखनों में सूजन, जिसे अक्सर फ्लूइड रिटेंशन कहा जाता है, कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक लक्षण हो सकता है, जिसमें दिल, किडनी या लिवर से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं.  यह प्रोटीन या विटामिन बी12 और फोलेट  की कमी से भी हो सकता है. सूजन को कम करने के लिए अपने पैरों को कुछ देर तक ऊपर उठाकर रखें.खाने में नमक की मात्रा कम करने से भी फ्लूइड रिटेंशन में मदद मिलती है.
 
पैरों या टखनों में दर्द

पैरों या टखनों में दर्द किसी चोट, गठिया या नर्व से जुड़ी प्रॉब्लम की वजह से हो सकता है. अगर चलने पर दर्द बढ़े और आराम करने पर कम हो, तो यह स्ट्रेस फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस का लक्षण हो सकता है. मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों में तकलीफ हो सकती है. नसों से जुड़ी समस्याएं या टखने तक सही मात्रा में रक्त न पहुंचने के कारण भी दर्द हो सकता है.

सुन्नपन या झुनझुनी

पैरों का सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना नर्व डैमेज का संकेत है, जिसे पेरीफेरल न्यूरोपैथी भी कहते हैं. यह डायबिटीज, शराब के ज्यादा सेवन या कीमोथेरेपी की वजह से भी हो सकता है. डायबिटीज के मरीजों में यह समस्या काफी आम है, क्योंकि हाई ब्लड शुगर नसों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसे अलावा, शरीर में विटामिन बी-12 और विटामिन-ई जैसे जरूरी विटामिन्स की कमी से भी नसों की सेहत खराब होती है, जिससे यह समस्या हो सकती है. 

पैरों में ऐंठन या लेग क्रैम्प्स

बार-बार पैरों में ऐंठन होना डिहाइड्रेशन या मैग्नीशियम जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स की कमी का संकेत हो सकता है. ये मिनरल्स मांसपेशियों के सही कामकाज और नर्व्स ट्रंसमिशन के लिए बहुत जरूरी हैं. अगर आपको अक्सर ऐंठन होती है, तो आप खूब पानी पिएं, न्यूट्रिएंट्स और मिनल्स से भरपूर डाइट लें और सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग और पैरों की मालिश करें.

एड़ी का दर्द

एड़ी का दर्द या प्लांटर फेशिआइटिस एक आम समस्या है. यह कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर आपको लगातार दर्द हो रहा है, तो इसके पीछे कुछ गंभीर कारण भी हो सकते हैं. विटामिन डी की कमी, गलत जूते पहनना, ज्यादा वजन, अत्यधिक फिजिकल एक्टिविटीज ऐसे कई कारण हैं, जिनसे एड़ी का दर्द हो सकती है.

ठंडे पैर या कोल्ड फीट

पैरों का अक्सर ठंडा रहना एक आम समस्या है, लेकिन यह किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत भी हो सकती है.  खराब ब्लड सर्कुलेशन, पोषक तत्वों की कमी, थायरॉयड की समस्या, खराब लाइफस्टाइल जैसे कारणों से हाथ-पैर ठंडे रहते हैं. इससे बचाव के लिए अपने खाने में आयरन और थायरॉयड-सपोर्टिंग फूड्स शामिल करें. अपने पैरों को गर्म रखने के लिए इंसुलेटेड जूते या मोजे पहनें.

एड़ियों की फटी त्वचा

एड़ियों या हील में दरारें सिर्फ ड्राई स्किन के कारण ही नहीं होतीं, बल्कि विटामिन ए, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी इसका कारण हो सकती है. डायबिटीज और एक्जिमा भी इसे बढ़ा सकते हैं. नंगे पैर चलना, गलत जूते पहनना और खुरदुरे साबुन का इस्तेमाल करना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है. इससे बचने के लिए अपनी एड़ियों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज रखें और अपने पैरों की सुरक्षा के लिए सही और आरामदायक जूते पहनें.

स्पाइडर वेन्स

स्पाइडर वेन्स एक आम समस्या है, जो नसों में रक्त जमा होने के कारण होती है. इसमें नसें मकड़ी के जाले जैसी दिखने लगती हैं. नसों में मौजूद वाल्व कमज़ोर होने पर खून सही से ऊपर की तरफ नहीं जा पाता और जमा हो जाता है, जिससे स्पाइडर वेन्स बन जाती हैं. इसके लिए पवि विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉइड्स की कमी से भी यह समस्या हो सकती है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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