ब्रेस्ट कैंसर से बचाव का रामबाण उपाय, ये 3 योगासन करेंगे चमत्कार – महिलाओं के लिए ज़रूरी खबर

ऋषिकेश: ब्रेस्ट कैंसर आज दुनिया में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार हर साल लगभग 1.38 मिलियन नए मामले सामने आते हैं. भारत में हर 20 शहरी महिलाओं में से एक को ब्रेस्ट कैंसर की समस्या होती है और हर चार मिनट में एक नया केस डायग्नोस होता है. यह आंकड़े चिंता का विषय हैं, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और स्वास्थ्यप्रद आदतों को अपनाकर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.

लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान योग ट्रेनर गोकुल बिष्ट ने कहा कि योग एक ऐसा साधन है जो न केवल शरीर को फिट रखता है बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी प्रदान करता है. योगासन, प्राणायाम और ध्यान कैंसर की रोकथाम और उसके लक्षणों को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं.

योग का महत्व

योग एक समग्र चिकित्सा पद्धति है जिसमें आसन, प्राणायाम, ध्यान और मुद्राएं शामिल हैं. यह शरीर और मन दोनों को संतुलित करता है. योगासन शारीरिक लचीलेपन को बढ़ाते हैं, रक्त संचार को दुरुस्त करते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं. वहीं प्राणायाम और ध्यान मानसिक तनाव को कम करके मूड को सकारात्मक बनाए रखते हैं. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव या उससे जुड़े लक्षणों को कम करने के लिए कुछ विशेष योगासन बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं.

बालासन (Child Pose)

बालासन एक सरल और आरामदायक योगासन है. इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठें और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए माथे को जमीन से लगाएं. हाथों को आगे की ओर सीधा फैलाएं या पीछे की ओर ले जाकर रखें. यह आसन शरीर को गहरी विश्रांति देता है और मानसिक तनाव को दूर करता है.

बालासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और शरीर में रक्त प्रवाह को संतुलित करता है. यह आसन महिलाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है. नियमित रूप से बालासन का अभ्यास करने से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में सहायता मिल सकती है.

पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)

पवनमुक्तासन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए जाना जाता है. इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को मोड़कर छाती की ओर खींचें. हाथों से घुटनों को पकड़ें और धीरे-धीरे सिर को उठाकर घुटनों से मिलाने का प्रयास करें. कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और फिर वापस लेट जाएं.
यह आसन पेट और आंतों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है. साथ ही गैस और अपच की समस्या दूर करता है. पवनमुक्तासन शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को सुधारता है, जिससे कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. कैंसर की रोकथाम में यह बहुत सहायक है क्योंकि सही पाचन से शरीर में विषैले तत्व जमा नहीं होते और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन योग का एक शक्तिशाली आसन है. इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के पास रखें. सांस अंदर भरते हुए धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और छाती को आगे की ओर फैलाएं. नजर छत की ओर रखें और कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें.
भुजंगासन छाती और फेफड़ों को मजबूत बनाता है. यह हृदय और श्वसन तंत्र की कार्यप्रणाली को सुधारता है. खासतौर पर महिलाओं के लिए यह आसन ब्रेस्ट क्षेत्र में रक्त संचार को बढ़ाकर कोशिकाओं की सेहत को बेहतर बनाता है. इससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि पर रोक लगाने में सहायता मिल सकती है.

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