महिलाओं में हार्ट अटैक के अनदेखे लक्षण
डॉ. यारानोव कहते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक का पहला और आम संकेत बेहद थकान हो सकता है. यह थकान सामान्य से अलग होती है. जैसे व्यक्ति बिना किसी भारी काम के भी अचानक बेहद थका हुआ महसूस करे. इसके अलावा, सांस फूलना, हल्की चक्कर आना, मतली, या पेट दर्द भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. कई महिलाओं को पीठ, जबड़े, कंधे या गर्दन में दर्द की शिकायत होती है, जिसे अक्सर लोग मांसपेशियों या तनाव की समस्या समझ बैठते हैं. यही कारण है कि समय पर इलाज नहीं हो पाता और खतरा बढ़ जाता है.
डॉ. यारानोव ने अपने वीडियो में एक महिला मरीज का अनुभव साझा किया. महिला ने बताया कि उसे असली दिल का दौरा पड़ने से करीब दो हफ्ते पहले ही कई लक्षण दिखाई दे रहे थे. शुरुआत में उसने थकान, पेट दर्द, दाहिने कंधे और पीठ में दर्द महसूस किया. साथ ही सिरदर्द भी रहने लगा. लेकिन उसने इन सबको सामान्य कमजोरी मान लिया. जब वास्तविक हार्ट अटैक का दिन आया तो उसके जबड़े में तेज दर्द शुरू हो गया और बाएं हाथ में झुनझुनी होने लगी. तभी जाकर मामले की गंभीरता का एहसास हुआ. यह उदाहरण बताता है कि बार-बार दिखने वाले छोटे-छोटे लक्षणों को भी हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है.
अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को हार्ट अटैक को सिर्फ छाती के दर्द तक सीमित समझना नहीं चाहिए. अगर अचानक एनर्जी खत्म होती लग रही हो, बार-बार सांस फूल रही हो या शरीर के असामान्य हिस्सों जैसे जबड़ा, पीठ या पेट — में दर्द हो, तो तुरंत जांच करानी चाहिए. अक्सर महिलाएं इन लक्षणों को तनाव या थकान मानकर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे स्थिति बिगड़ सकती है. डॉक्टर यारानोव ने कहा, अगर शरीर संकेत दे रहा है तो उसे अनसुना न करें. देर करने से जान का खतरा बढ़ सकता है. समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने से बड़ी गंभीरता को रोका जा सकता है.
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग और सूक्ष्म हो सकते हैं, जिन्हें सामान्य परेशानी समझकर टाल दिया जाता है. लेकिन यही छोटी-छोटी चेतावनियाँ जिंदगी बचाने वाली साबित हो सकती हैं. यदि शरीर कुछ असामान्य संकेत दे रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. समय पर कदम उठाना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.हार्ट अटैक से बचने के लिए हेल्दी खान-पान और हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है. घर का शुद्ध बना हुआ खाना खाएं. हरी सब्जी, फल, सीड्स, साबुत अनाज का सेवन करें. बाहर की पैकेटबंद चीजें, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें. इसके साथ ही नियमित एक्सरसाइज करें. शराब, सिगरेट, ड्रग्स का सेवन करें. तनाव न लें, पर्याप्त नींद लें और पर्याप्त पानी पिएं.