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तोरई, वैज्ञानिक नाम ‘लुफ्फा एक्यूटैंगुला’, भारतीय रसोई में आम लेकिन फायदेमंद सब्जी है. गर्मियों में शरीर को ठंडक देती है और पाचन में सुधार करती है. डायबिटीज, पीलिया, त्वचा समस्याओं में लाभकारी है.
हाइलाइट्स
- तोरई गर्मियों में शरीर को ठंडक देती है.
- तोरई पाचन सुधारती और डायबिटीज में लाभकारी है.
- तोरई त्वचा समस्याओं और पीलिया में भी फायदेमंद है.
तोरई का वैज्ञानिक नाम ‘लुफ्फा एक्यूटैंगुला’ (Luffa acutangula) है. यह पौधा भारत, चीन, जापान, मिस्र और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई हिस्सों में पाया जाता है. पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में इसका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है, जैसे पीलिया, मधुमेह, बवासीर, दस्त, सिर दर्द, त्वचा की समस्याएं और कुष्ठ रोग. इसकी खास बात यह है कि इसमें कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की तरह काम करते हैं, इस वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी लाभकारी मानी जाती है.
गर्मियों में जब शरीर जल्दी थकने लगता है और पसीना अधिक आता है, उस समय तोरई शरीर को ठंडक देती है. इसमें पानी की मात्रा अच्छी होती है, जिससे शरीर का तापमान संतुलित रहता है और डिहाइड्रेशन से भी बचाव होता है. इसके अलावा, इसके नियमित सेवन से त्वचा पर निखार आता है और यह मानसिक रूप से भी राहत देती है. कुछ घरेलू नुस्खों में इसे बालों और त्वचा की देखभाल के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
तोरई का एक और दिलचस्प उपयोग यह है कि जब यह पूरी तरह सूख जाती है, तो इसका छिलका निकालकर अंदर के रेशों को ‘लूफा’ की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इसे गांवों में नहाने के लिए स्क्रबर की तरह प्रयोग किया जाता है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल होता है, क्योंकि यह प्लास्टिक की तरह नुकसान नहीं करता और धीरे-धीरे मिट्टी में मिल जाता है.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें