भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने बुधवार को कहा कि देश में अब क्रिकेट के अलावा और भी महिला खेल सुपरस्टार हैं लेकिन यह जिम्मेदारी भी इन महिलाओं की है कि वे खुद को कैसे पेश करना चाहती हैं।
सानिया ने कहा कि करीब 32 साल पहले जब उन्होंने गाय के गोबर से बने टेनिस कोर्ट पर खेलना शुरू किया था और एहतियात के तौर पर टिटनेस के इंजेक्शन लेती थीं। तब से देश में कई महिला सुपरस्टार निकली हैं।
उन्होंने यहां ‘द स्पोर्ट्स वुमैन’ नाम की पैनल चर्चा में कहा, ‘‘तब भारत से एकमात्र महिला सुपरस्टार पीटी उषा थीं और उनके बारे में हमने बस सुना था, उन्हें कभी नहीं देखा क्योंकि उस समय कोई सोशल मीडिया, कोई मीडिया या कोई कवरेज नहीं था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब हम ओलंपिक में या बाहर जाते हैं तो शायद तीन या चार पुरुष क्रिकेटरों के अलावा इस देश की खेलों में सबसे बड़ी सुपरस्टार महिला एथलीट हैं और इससे पिछले 50 साल में बहुत कुछ पता चलता है। ’’
सानिया ने कहा कि देश की महिला खिलाड़ियों को दूसरी की अपेक्षाओं के बजाय खुद के लिए खेलने और अपनी प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करने पर जोर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम पुरुषों की दुनिया में रह रहे हैं? इसका जवाब हां है। खेल के मामले में क्या हम पुरुषों की दुनिया में रह रहे हैं? इसका जवाब हां है। महिला प्रतिनिधित्व के तौर पर यह जिम्मेदारी हम पर भी है कि हम खुद को कैसे पेश करती हैं। ’’
भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने कहा कि अगर महिला एथलीट दूसरों की राय के बारे में सोचने लगें तो यह एक खिलाड़ी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको इस बात की चिंता करने या बुरा महसूस करने की जरूरत नहीं है कि वे (सोशल मीडिया) क्या सोचते हैं। बल्कि मायने यही रखता है कि आप क्या सोचते हैं और आप कैसा महसूस कर रहे हैं।
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