प्रदेश सरकार एक बार फिर 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। इससे पहले जुलाई में 9100 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। एक माह की अवधि में लिया जाने वाला यह तीसरा कर्ज है। इसके पहले 8 जुलाई और 30 जुलाई को कर्ज लिए जा चुके हैं।
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मंगलवार को सरकार तीन अलग-अलग कर्ज के लिए ऑक्सन प्रक्रिया करेगी। इसके बाद चालू वित्त वर्ष में कुल कर्ज की राशि 23100 करोड़ रुपए और कुल कर्ज बढ़कर 444340.27 करोड़ रुपए हो जाएगा।
18, 20 और 23 साल की अवधि के लिए होंगे कर्ज 5 अगस्त को 3 कर्ज अलग-अलग लिए जाने हैं। इसमें एक कर्ज 18 साल के लिए हैं जो 1600 करोड़ रुपए का है। कर्ज के लिए ऑक्सन प्रक्रिया मंगलवार को होगी और सरकार को बुधवार को कर्ज की अदायगी होगी। दूसरा कर्ज 20 साल के लिए 1400 करोड़ रुपए का होगा। वहीं तीसरा कर्ज 23 साल के लिए 1000 करोड़ रुपए का होगा। इस तरह कुल 4000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा।
30 जुलाई को लिया था 4300 करोड़ का कर्ज एमपी सरकार ने 30 जुलाई को कुल 4300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए थे। दोनों ही कर्ज 17 साल और 23 साल की अवधि के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए जा गए हैं जिसका भुगतान साल भर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा। ये दोनों ही कर्ज चालू वित्त वर्ष में लिए गए सातवें और आठवें कर्ज रहे हैं। सरकार ने इसके पहले आठ जुलाई, 4 जून और सात मई को कर्ज लिया है।
8 जुलाई को बाजार से उठाए थे 4800 करोड़ मोहन सरकार ने इसके पहले 8 जुलाई को 2500 और 2300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए थे। दोनों ही कर्ज 16 साल और 18 साल की अवधि के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए गए जिसका भुगतान साल भर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा।
4 जून को पांच हजार करोड़ का लोन लिया इसके पहले आरबीआई के माध्यम से 2 लोन मोहन सरकार ने 4 जून को लिए थे। पहला लोन 2000 करोड़ रुपए का था जो 16 साल के लिए लिया है। सरकार ब्याज के साथ इसकी अदायगी 4 जून 2041 तक करेगी। दूसरा लोन 2500 करोड़ रुपए का था जो 18 साल के लिए है। यह 4 जून 2043 तक ब्याज के साथ चुकाया जाएगा।
7 मई को लिया 5 हजार करोड़ का कर्ज मोहन सरकार ने चालू वित्त वर्ष का पहला कर्ज 7 मई को लिया था। इस दिन दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए गए थे। मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए लिया गया था जिसका ब्याज सात मई 2037 तक के लिए चुकाना है।
इसी तरह ढाई हजार करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज सात मई को ही 14 साल के लिए लिया गया है जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी।
राजस्व सरप्लस होने के चलते मिल रही छूट सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। इसमें आमदनी 234026.05 करोड़ था जबकि खर्च 221538.27 करोड़ रहा।
इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार की आय 1025.91 करोड़ सरप्लस बताई गई है।
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