गांव की महिलाओं ने मिलकर शुरू किया ऐसा काम, मचा दी धूम, घर बैठे कर रही कमाई, देशभर में है डिमांड

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Success Story: फर्रुखाबाद के नगला जोध गांव की 10 महिलाएं मिलकर मधुमक्खी पालन कर शहद उत्पादन कर रही हैं. 2023 में शुरू हुए इस काम से वे लाखों की कमाई कर रही हैं. उनके शहद की डिमांड बिहार और एमपी तक है.

सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: ज़िले के गांव की महिलाएं इन दिनों कुछ ऐसा कर रही हैं, जिसकी गूंज प्रदेश तक पहुंच रही है. गांव की करीब 10 महिलाएं मिलकर मधुमक्खी पालन कर रही हैं और खुद ही शहद हार्वेस्ट कर मार्केट में बेच रही हैं. पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिंग तक, हर काम को महिलाएं इतने पेशेवर तरीके से करती हैं, मानो उन्होंने इसमें महारत हासिल कर ली हो. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये महिलाएं मधुमक्खियों के बीच रहकर ही कारोबार कर रहीं हैं.  इन महिलाओं ने महज दो सालों में अपने कारोबार को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. आज यह इस काम से लाखों की कमाई कर रहीं हैं.

10 महिलाओं का समूह कर रहा शहद उत्पादन 
फर्रुखाबाद ज़िले के नगला जोध गांव की महिलाएं इन दिनों कुछ ऐसा कर रही हैं, जिसकी धमक कई जिलों तक पहुंच रही है. क़रीब 10 महिलाओं का एक समूह  मधुमक्खी पालन कर रहा है, वे खुद ही घर पर रहकर ही मधुमक्खी पालन कर शहद का उत्पादन कर रही हैं.  इनके शहद की  तगड़ी डिमांड हो रही है.

2 सालों में मचा दी धूम 
लोकल18 से बातचीत में समूह की लीडर गीता देवी  ने बताया कि उन्होंने  2023 में मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. इसके लिए उन्होंने पहले प्रशिक्षण लिया और फिर सरकार की योजना के तहत मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. गीता के इस काम में गांव की करीब 10 महिलाएं जुड़ीं हैं. सबने बारी-बारी से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया और फिर कारोबार में आगे बढ़ा रही हैं.

बिहार-एमपी तक है डिमांड

यह महिलाएं शहद को खुद हार्वेस्ट करने से लेकर  डब्बे में पैक कर उसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग सबकुछ  मिलकर करती हैं. आज  नगला जोध गांव के इस शहद की डिमांड बिहार के कई ज़िलों के अलावा, दूसरे राज्यों तक हो रही है. गीता के अनुसार यह शुद्ध और प्राकृतिक शहद होने की वजह से एमपी में रहने वाले लोग भी इसकी खरीदारी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कई किलो शहद वहां भेजा है. वहां जब लोगों ने इसे चखा, तो वे इसके दीवाने हो गए. आज स्थिति यह है कि गीता को हर महीने करीब 10 किलो शहद भेजना पड़ता है.

बंपर हो रही कमाई 

बता दें कि वर्तमान में गीता के समूह के पास करीब 40 बॉक्स हैं, जिनसे उन्हें करीब 200 किलो शहद की प्राप्ति होती है. गीता ने एक किलो शहद की कीमत करीब 500 रुपए रखी है, जिसमें पैकेजिंग और ब्रांडिंग का खर्च भी शामिल है. शहद के बिकने के बाद समूह की महिलाएं अपने मेहनत के अनुसार पैसों का बंटवारा कर लेती हैं, जिससे उनका परिवार चलता है. जिससे वह लाखों की कमाई कर रही हैं.

Lalit Bhatt

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ें

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