सर्जरी के दौरान महिला में मिला सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, 10 महीने में हो पाई पहचान, जानें क्या है नया BG

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CRIB Blood Group Found in India: बेंगलुरु की एक महिला में CRIB नामक सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप पाया गया है. इस ब्लड ग्रुप को CRIB नाम दिया गया है. यह ब्लड ग्रुप 10 महीने की स्टडी के बाद पहचाना जा सका है.

बेंगलुरु की महिला में मिला सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, 10 महीने में हो पाई पहचानभारतीय महिला में बेहद रेयर ब्लड ग्रुप CRIB मिला है.
Rarest Blood Group CRIB: ब्लड ग्रुप कई तरह के होते हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को सेम ब्लड ग्रुप का ही खून चढ़ाया जाता है. कई लोगों का ब्लड ग्रुप रेयर होता है और उनके मामले में डॉक्टर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कर्नाटक के बेंगलुरु की एक महिला अपनी सर्जरी कराने अस्पताल पहुंची, लेकिन जब डॉक्टर्स ने उसके ब्लड ग्रुप को मैच करने की कोशिश की, तो वे हैरान रह गए. महिला के परिवार समेत करीब 20 लोगों का ब्लड सैंपल लेने के बाद भी महिला के ब्लड ग्रुप से मैच नहीं हुआ. आखिरकार डॉक्टर्स ने सफलतापूर्वक सर्जरी कर दी और खून की जरूरत नहीं पड़ी. हालांकि डॉक्टर्स के लिए महिला का ब्लड ग्रुप पहचानना एक चुनौती बन गया. इसके लिए उन्होंने तमाम टेस्ट किए, लेकिन ब्लड ग्रुप की पहचान नहीं हो सकी.

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस अनोखे ब्लड ग्रुप की पहचान के लिए भारत में सभी संभव टेस्ट किए गए, लेकिन जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला, तो ब्लड के सैंपल को UK की इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लैबोरेटरी (IBGRL) भेजा गया. ब्रिस्टल स्थित ब्रिस्टल की लैब में इस ब्लड ग्रुप पर गहराई से अध्ययन किया गया, जो करीब 10 महीनों तक चला. इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसे एक नया ब्लड ग्रुप घोषित करते हुए CRIB नाम दिया. यह नाम इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्लड ग्रुप भारत (India) और खासतौर पर बेंगलुरु (Bengaluru) के एक मरीज में पहली बार मिला और यह Cromer ब्लड ग्रुप प्रणाली से जुड़ा है.

CRIB का पूरा नाम क्रोमर इंडिया बेंगलुरु है. इस ब्लड ग्रुप की खोज को जून 2025 में इटली के मिलान में आयोजित 35वें इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से घोषित किया गया. यह भारत के लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह खोज न केवल चिकित्सा क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक रक्तदान और ट्रांसफ्यूजन प्रणाली को भी मजबूत बनाती है. CRIB जैसे रेयर ब्लड ग्रुप की पहचान ब्लड ट्रांसफ्यूजन के क्षेत्र में बड़ी सफलता मानी जाती है. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि कुछ मरीजों में ब्लड मैचिंग क्यों असंभव हो जाती है. अब जब इस ब्लड ग्रुप की जानकारी अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस में शामिल हो गई है, तो भविष्य में अगर किसी अन्य व्यक्ति में यह ब्लड ग्रुप पाया जाता है, तो उसे सुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन संभव हो सकेगा.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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बेंगलुरु की महिला में मिला सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, 10 महीने में हो पाई पहचान

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