30 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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बारिश का मौसम गर्मी से राहत तो देता है। लेकिन यह अपने साथ वायरल इन्फेक्शन और फ्लू जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लाता है। इस दौरान हवा में बढ़ी हुई नमी का असर सिर्फ शरीर के अंदर ही नहीं, बल्कि स्किन, बालों और पैरों पर भी दिखता है।
दरअसल बारिश के दिनों में भीगे जूते-मोजे पहनना, कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना आम बात है। इससे पैरों में फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस मौसम में पैरों की सही देखभाल करना बहुत जरूरी है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम बारिश के मौसम में पैरों की देखभाल के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- मानसून में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
- किन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है?
एक्सपर्ट: डॉ. ऋषि पाराशर, डर्मेटोलॉजिस्ट, सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली
सवाल- बरसात के मौसम में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
जवाब- बरसात के मौसम में चारों ओर नमी और गंदगी का माहौल बना रहता है। लोग अक्सर भीगे जूते-मोजे पहनते हैं या कीचड़ और गंदे पानी में चलते हैं, जिससे पैर लंबे समय तक गीले रहते हैं। यह स्थिति कई बार फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण बन सकती है।
इसके अलावा नमी के कारण पैर की स्किन मुलायम होकर जल्दी कटने-फटने लगती है। ऐसे में अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो वहां बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपने लगते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
सवाल- बारिश में पैरों में होने वाले फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के क्या लक्षण हैं?
जवाब- शुरुआत में इसके लक्षण हल्के लग सकते हैं। लेकिन समय पर ध्यान न देने पर ये गंभीर समस्या का रूप ले सकते हैं। इसलिए अगर नीचे ग्राफिक में बताए गए लक्षण दिखें तो उन्हें नजरअंदाज न करें।

सवाल- बारिश के मौसम में पैरों से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं आम हैं?
जवाब- इस दौरान पैरों को सबसे ज्यादा नमी, गंदगी और कीचड़ का सामना करना पड़ता है, जिससे एथलीट्स फुट (पैरों की स्किन पर होने वाला फंगल इन्फेक्शन) और फंगल नेल इन्फेक्शन (ओनिकोमाइकोसिस) की आशंका बढ़ जाती है।
अगर पैरों में कोई कट, घाव या छाला हो तो गंदगी और दूषित पानी से बैक्टीरिया उसमें आसानी से प्रवेश कर सकते हैं। इससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
बारिश में लंबे समय तक गीले जूते-मोजे पहनने से स्किन मुलायम और कमजोर हो जाती है, जिससे स्किन इन्फेक्शन हो सकता है। जलभराव और कीचड़ में चलने से स्किन पर एलर्जी, खुजली और दाने हो सकते हैं। इसके अलावा कई तरह की स्किन और नाखून संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
सवाल- मानसून में पैरों की केयर के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
जवाब- इस मौसम में पैरों को इन्फेक्शन और गंदगी से बचाना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। इसे नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- बारिश में पैरों के इन्फेक्शन से बचने के लिए किन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है?
जवाब- इस मौसम में किसी के भी पैरों में इन्फेक्शन हो सकता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह रिस्क ज्यादा होता है। ऐसे में उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसेकि-
- डायबिटिक लोगों की स्किन की चोट या घाव जल्दी नहीं भरते हैं। इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा अधिक होता है।
- बढ़ती उम्र में स्किन पतली और संवेदनशील हो जाती है, जिससे नमी और घाव का रिस्क बढ़ता है।
- जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। वे फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
- डिलीवरी बॉय, सिक्योरिटी गार्ड और ट्रैफिक पुलिस जैसे बाहर काम करने वाले लोग, जो देर तक जूते-मोजे पहनते हैं। इन्हें भी इसका रिस्क ज्यादा होता है।
- पहले से स्किन प्रॉब्लम से पीड़ित लोगों को भी इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।
- जिन्हें ज्यादा पसीना होता है, उनके पैरों में नमी लगातार बनी रहती है। इससे बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं।

सवाल- क्या मानसून में होने वाले पैरों के इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए कोई घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं?
जवाब- पैरों के हल्के फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन में कुछ घरेलू उपचार राहत दिला हो सकते हैं। जैसेकि-
- गुनगुने पानी में थोड़ा-सा एंटीसेप्टिक (जैसे डिटॉल या बीटाडीन) मिलाकर दिन में 1-2 बार पैरों को धोएं। इससे बैक्टीरिया और फंगस मर सकते हैं।
- टी ट्री ऑयल में एंटीफंगल गुण होते हैं। नारियल तेल में 2-3 बूंद टी ट्री ऑयल मिलाकर प्रभावित हिस्से पर दिन में दो बार लगाएं।
- बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं। यह नमी सोखने और खुजली कम करने में मदद करता है।
- नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। नीम की पत्तियों को उबालकर उस पानी से पैरों को धोना इन्फेक्शन कम करने में मददगार हो सकता है।
- संक्रमित हिस्से को जितना हो सके हवा लगने दें क्योंकि नमी फंगल ग्रोथ को बढ़ा सकती है।
- इसके अलावा डॉक्टर की सलाह से एंटीफंगल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करें।
अगर इन्फेक्शन बढ़ जाए, पस निकले या दर्द और जलन असहनीय हो तो डॉक्टर से की सलाह लेना जरूरी है। ध्यान रखें घरेलू उपाय केवल शुरुआती राहत के लिए हैं, इलाज नहीं।
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