1 घंटे पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को सांसों की बदबू (Halitosis) की समस्या होती है। कई बार इस वजह से वे दूसरों के सामने खुलकर बात करने से कतराते हैं या शर्मिंदा महसूस करते हैं। फिर भी अक्सर लोग इस समस्या को मामूली मानकर नजरअंदाज कर देते हैं।
लहसुन-प्याज जैसी चीजें खाने के बाद सांसों से कुछ देर के लिए गंध आना सामान्य है। लेकिन जब यह समस्या लगातार बनी रहे तो इसे हल्के में लेना सही नहीं है क्योंकि कई बार ये शरीर में छिपी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है।
यह एक आम समस्या है, जो दुनियाभर में हर 4 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करती है। ‘क्लिनिकल ओरल इन्वेस्टिगेशन’ जर्नल में साल 2017 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, दुनिया में करीब 31.8% आबादी सांसों की बदबू से प्रभावित है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम सांसों की बदबू की समस्या के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- सांसों से बदबू आने के क्या कारण हैं?
- इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है?
एक्सपर्ट: डॉ. लक्ष्मी टंडन, डेंटिस्ट, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर
सवाल- सांसों से बदबू आने के क्या कारण हैं?
जवाब- सांसों से बदबू आमतौर पर खराब ओरल हाइजीन के कारण होती है। लेकिन कई बार यह शरीर में छिपी किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

आइए, अब ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में थोड़ा विस्तार से समझते हैं।
खराब ओरल हाइजीन
नियमित रूप से ठीक से ब्रश और फ्लॉस न करने से मुंह में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं। इससे न केवल बदबू आती है, बल्कि कैविटी और मसूड़ों की बीमारियां भी हो सकती हैं।
ड्राई माउथ
लार (saliva) मुंह को साफ और बैक्टीरिया-फ्री रखने में मदद करती है। जब शरीर पर्याप्त लार नहीं बनाता तो मुंह सूख जाता है और बदबू आने लगती है। स्मोकिंग और कुछ दवाइयां भी इसका कारण बन सकती हैं।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD)
यह एक पाचन संबंधी समस्या है, जिसमें पेट का एसिड यानी फ्लुइड वापस भोजन नली (esophagus) में आ जाता है, जिससे बदबू आ सकती है।
टॉन्सिल स्टोन
जब भोजन या मुंह के अंदर की गंदगी टॉन्सिल की झिल्लियों में फंस जाती है तो समय के साथ यह कठोर होकर कैल्शियम जमाव का रूप ले लेती है। इन्हें ही टॉन्सिल स्टोन कहा जाता है। इसकी वजह से मुंह से दुर्गंध आने लगती है।
मसूड़ों की बीमारी
प्लाक (दांतों पर जमी चिपचिपी परत) मसूड़ों में सूजन और खून आने की समस्या पैदा कर सकती है। इसका सीधा असर सांसों की दुर्गंध पर पड़ता है।
नाक, गला या फेफड़ों में इन्फेक्शन
नाक, गले या फेफड़ों में होने वाले इन्फेक्शन भी सांसों से बदबू आने का कारण बन सकते हैं। उदाहरण के तौर पर निमोनिया जैसी बीमारी में फेफड़ों से आने वाला बलगम बदबूदार हो सकता है।
डायबिटीज
डायबिटिक लोगों में मसूड़ों की बीमारी का रिस्क ज्यादा होता है, जिससे सांसों की बदबू की समस्या हो सकती है।
लिवर या किडनी डिजीज
जब लिवर या किडनी ठीक से काम नहीं करते तो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते हैं। यही टॉक्सिन्स सांस में बदबू पैदा कर सकते हैं।
सवाल- सांसों की बदबू की समस्या में आमतौर पर क्या परेशानी होती है?
जवाब- इसमें मुंह से लगातार दुर्गंध आती है, जो खुद को असहज और दूसरों को परेशान करने वाली लग सकती है। इससे व्यक्ति को शर्मिंदगी महसूस हो सकती है, आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और वह लोगों से बातचीत करने या सामाजिक जगहों पर जाने से बचने लगता है। कई बार इसकी वजह से मानसिक तनाव और अकेलेपन जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।

सवाल- सांसों की बदबू का इलाज कैसे किया जाता है?
जवाब- सांसों की बदबू का इलाज उसकी असली वजह पर निर्भर करता है। अगर कारण खराब ओरल हाइजीन है तो नियमित ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और डेंटल क्लीनिंग से राहत मिल सकती है।
अगर बदबू की जड़ किसी अंदरूनी समस्या जैसे ओरल डिजीज, ड्राई माउथ, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, डायबिटीज या लिवर-किडनी की बीमारी है तो डॉक्टर उसके अनुसार इलाज करते हैं। सही कारण की पहचान और उचित इलाज के बाद समय के साथ सांसों की बदबू से छुटकारा पाया जा सकता है।
सवाल- सांसों की बदबू से बचने के क्या उपाय हैं?
जवाब- इसके लिए अच्छी ओरल हाइजीन अपनाएं और ऐसे कारणों से बचें, जो मुंह को सूखा या संक्रमित कर सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक इसे इससे बचने के कुछ उपायों काे समझिए-

सवाल- क्या सांसों की बदबू दूर करने के लिए कोई घरेलू उपाय भी मददगार हो सकते हैं?
जवाब- कुछ आसान घरेलू उपाय सांसों की बदबू को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या च्युइंग गम या माउथ फ्रेशनर से सांसों की बदबू से छुटकारा पाया जा सकता है?
जवाब- डेंटिस्ट डॉ. लक्ष्मी टंडन बताती हैं कि नहीं, इससे केवल कुछ समय के लिए सांसों की बदबू को छुपाया जा सकता है। लेकिन स्थायी समाधान नहीं मिलता है। ये उपाय सिर्फ सतही दुर्गंध को दबाते हैं, जबकि बदबू की असली वजह बनी रहती है। अगर आप हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो सही कारण का इलाज जरूरी है।
सवाल- किस स्थिति में डॉक्टर को दिखाना जरूरी है?
जवाब- अगर सांसों की बदबू नियमित ब्रशिंग, माउथवॉश और घरेलू उपायों के बावजूद लगातार बनी रहती है तो डेंटिस्ट को दिखाना जरूरी है। खासकर तब, जब बदबू के साथ मसूड़ों से खून आना, मुंह में सूजन, दर्द, सूखापन या किसी बीमारी के लक्षण भी महसूस हों।
ये किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकते हैं, जिसका समय रहते इलाज जरूरी है। चिंता न करें सांस की बदबू शर्म की बात नहीं है। आमतौर पर इसका असली कारण जानकर उसका इलाज करने से यह समस्या हल हो जाती है।
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