जरूरत की खबर- क्या आपके पास दो वोटर आईडी है: अगर ‘हां’ तो आज ही सरेंडर करें, जानें क्या कहता है कानून, दो आईडी रखने के खतरे

16 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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बिहार की राजनीति में उस वक्त नया विवाद खड़ा हो गया, जब राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नाम से दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड सामने आए। तेजस्वी ने दावा किया कि उनका नाम नई वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है और उन्होंने एक EPIC (इलेक्टोरल फोटो आईडी कार्ड) नंबर शेयर किया। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने दूसरा EPIC नंबर जारी किया और बताया कि तेजस्वी ने 2015 और 2020 के चुनाव इसी नंबर से लड़े थे।

अब सवाल उठता है कि क्या किसी एक व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड हो सकते हैं। इसे लेकर भारतीय कानून क्या कहता है।

तो चलिए, जरूरत की खबर में जानते हैं कि क्या दो EPIC नंबर बनवाना अपराध है? साथ ही जानेंगे कि-

  • चुनाव आयोग इस पर क्या कार्रवाई करता है?
  • ऐसे मामले में क्या सजा और जुर्माना तय है?

एक्सपर्ट: सरोज कुमार सिंह, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट

सवाल- EPIC कार्ड क्या होता है और यह क्यों जरूरी है?

जवाब- EPIC यानी इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड, हर रजिस्टर्ड वोटर को चुनाव आयोग जारी करता है। इसे आमतौर पर वोटर आईडी कार्ड कहा जाता है। इसमें मतदाता का फोटोग्राफ, नाम, पता और एक यूनीक EPIC नंबर दर्ज होता है। यह नंबर प्रत्येक मतदाता के लिए अलग होता है और उसी से उसकी पहचान तय होती है। चुनाव के दौरान यही कार्ड मतदाता की पहचान को प्रमाणित करता है।

सवाल- क्या एक व्यक्ति के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड हो सकते हैं?

जवाब- चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक, एक नागरिक के पास केवल एक वोटर आईडी कार्ड हो सकता है। व्यक्ति सिर्फ उसी क्षेत्र में वोटर के रूप में रजिस्टर्ड हो सकता है, जहां वह मौजूदा समय में रह रहा है। यह नियम ‘जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1950’ में साफ तौर पर बताया गया है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर किसी के पास दो अलग-अलग EPIC नंबर हैं तो क्या कार्रवाई हो सकती है?

जवाब- एडवोकेट सरोज कुमार सिंह बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर दो वोटर आईडी कार्ड बनवाता है तो यह गंभीर अपराध है। चाहे वह व्यक्ति दो अलग शहरों में, दो अलग-अलग पते पर दो कार्ड बनवाए या जानबूझकर गलत जानकारी देकर डुप्लीकेट कार्ड हासिल करे। दोनों ही स्थितियों में यह भारतीय चुनाव कानून का उल्लंघन है। इस अपराध के लिए सजा हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर गलती से किसी का नाम दो जगह वोटर लिस्ट में दर्ज हो गया तो क्या होगा?

जवाब- ऐसे में व्यक्ति को खुद चुनाव आयोग को इसकी जानकारी देनी चाहिए और एक नाम हटवाना चाहिए। अगर कोई जानबूझकर इस गलती को छुपाता है या दो जगह से वोट डालने की कोशिश करता है तो इसे अपराध माना जाता है।

सवाल- अगर किसी के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं तो एक को कैसे सरेंडर कर सकते हैं?

जवाब- अगर किसी मतदाता के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं तो चुनाव आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/ पर जाकर एक कार्ड को सरेंडर कर सकते हैं। इसके लिए फॉर्म 7 भरना होता है। इस फॉर्म में वह वोटर आईडी नंबर देना होता है, जिसे आप हटवाना चाहते हैं। फॉर्म भरने के बाद आवेदन जांच के लिए जाएगा और सही पाए जाने पर एक कार्ड डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है।

सवाल- क्या कोई व्यक्ति एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में वोट दे सकता है?

जवाब- कोई व्यक्ति सिर्फ उसी निर्वाचन क्षेत्र में वोट दे सकता है, जहां का उसका वोटर आईडी कार्ड है। एक शहर के भीतर भी सभी निर्वाचन क्षेत्र बंटे होते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप दिल्ली में हैं और आपके वोटर आईडी कार्ड पर साउथ एक्स का पता है तो आप पूर्वी दिल्ली से वोट नहीं दे सकते हैं।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के सेक्शन 17 के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं जुड़वा सकता है। एक व्यक्ति का नाम सिर्फ एक वोटर लिस्ट में और सिर्फ एक ही विधानसभा क्षेत्र में जोड़ा जा सकता है और उसे वहीं से वोट देना होता है।

सवाल- क्या किराये पर रहने वाला व्यक्ति वोटर कार्ड बनवा सकता है?

जवाब- हां, अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे शहर में लंबे समय से किराये पर रह रहा है तो वह उसी पते पर वोटर कार्ड बनवा सकता है। इसके लिए उसे एड्रेस प्रूफ देना होगा। जैसेकि-

  • किरायानामा
  • बिजली या पानी का बिल
  • गैस कनेक्शन

हालांकि अगर पहले से किसी निर्वाचन क्षेत्र (constituency) में वोटर कार्ड बना हुआ है ताे नई जगह पर वोटर कार्ड बनवाते समय पुराना कार्ड रद्द करवाना जरूरी है। नया फॉर्म भरते समय ‘पुराना वोटर आईडी हटाने’ का विकल्प होता है।

सवाल- अगर पुराना वोटर आईडी कार्ड (EPIC) खो गया है तो नया कार्ड कैसे मिलेगा?

जवाब- इसके लिए पहले नजदीकी थाने में जाकर इसकी FIR दर्ज कराएं। फिर उस FIR की कॉपी लेकर 25 रुपए के साथ अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या चुनाव कार्यालय में जमा करें। इसके बाद आपका नया वोटर कार्ड बन जाएगा।

सवाल- क्या हर भारतीय नागरिक मतदाता बन सकता है?

जवाब- हां, हर भारतीय नागरिक जो 18 साल या उससे ज्यादा उम्र का है, वह वोटर बन सकता है। इसके लिए वोटर आईडी बनवाना जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है, कोर्ट ने उसे अयोग्य बताया है तो वह वोटर नहीं बन सकता है।

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