समंदर में फैली रहस्यमय बीमारी, समुद्री जीवों को खत्म कर रहा खतरनाक बैक्टीरिया, इंसानों से है खास कनेक्शन

Agency:एजेंसियां

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प्रशांत महासागर में वैज्ञानिकों ने एक खतरनाक बीमारी का पता लगाया है. इसके बारे में पता करने में वैज्ञानिकों को 5 साल लग गए थे. यह एक खास प्रकार के समुद्री जीव को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से पूरा जलीय पर्यावर…और पढ़ें

समंदर में फैली रहस्यमय बीमारी, समुद्री जीवों को खत्म कर रहा खतरनाक बैक्टीरियासमंदर में फैली रहस्यमयी बीमारी.

साल 2013 में उत्तरी अमेरिका के प्रशांत तट पर एक अजीब बीमारी फैली. इसने लाखों सी स्टार्स की जान ले ली. अब यह बीमारी मेक्सिको से अलास्का तक फैल गई है. इसकी वजह से इस क्षेत्र में पाए जाने वाले समुद्री जीव कुछ ही दिनों में एक चिपचिपे पदार्थ में बदल गए. इस बीमारी को “सी स्टार वेस्टिंग डिजीज” (एसएसडब्ल्यूडी) कहा गया, जिसने सी स्टार्स को इस तरह नष्ट किया कि उनके शरीर टूट गए और उनके अंग पिघलने लगे. यह समुद्र में किसी जंगली प्रजाति को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी बीमारी मानी गई और इसे समुद्र के 10 सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों में से एक कहा गया.

वैज्ञानिक पिछले 10 सालों से यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि इस बीमारी का कारण क्या है? अब, पांच साल की मेहनत के बाद, वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने इसका जवाब ढूंढ लिया है. इस शोध में कई देशों के विश्वविद्यालयों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के विशेषज्ञ शामिल थे. उनकी मेहनत से पता चला कि इस बीमारी का कारण एक नया बैक्टीरिया है, जिसका नाम है विब्रियो पेक्टेनिसिडा. ये बैक्टीरिया गर्म जल क्षेत्र में पनपते हैं. चूंकि, मानवीय गतिविधि या फिर ग्लोबल वार्मिंग की वजह समंदर का पानी लगातार गर्म हो रहा है, इसकी वजह से ये बैक्ट्रिया भी आसानी से पनप रहे हैं.

60 करोड़ सनफ्लावर सी स्टार्स

यह बीमारी खासकर सनफ्लावर सी स्टार को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. यह समुद्री तारा दुनिया का सबसे बड़ा सी स्टार है, जो साइकिल के टायर जितना बड़ा हो सकता है और इसके 24 हाथ हो सकते हैं. यह एक शिकारी जीव है, जो समुद्र में संतुलन बनाए रखता है. लेकिन, इस बीमारी ने करीब 60 करोड़ सनफ्लावर सी स्टार्स को खत्म कर दिया, जिससे यह प्रजाति अब गंभीर रूप से खतरे में है.

सनफ्लावर समुद्री जंगल को बचाते हैं

सनफ्लावर सी स्टार्स समुद्र में केल्प जंगलों (समुद्री पौधों के जंगल) को बचाने में मदद करते हैं, क्योंकि वे सी अर्चिन (समुद्री जीव) को खाते हैं. लेकिन. जब सी स्टार्स खत्म हुए, तो अर्चिन की संख्या बढ़ गई और उन्होंने केल्प जंगलों को नष्ट कर दिया. इससे समुद्र की जैव-विविधता को भारी नुकसान हुआ. मछली पकड़ने और पर्यटन से होने वाली लाखों डॉलर की कमाई पर भी असर पड़ा. केल्प जंगल पानी को साफ करने, तटों को कटाव से बचाने और कार्बन को सोखने जैसे महत्वपूर्ण काम करते हैं, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं. इनके नष्ट होने से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बड़ा झटका लगा.

इंसानों यानी कि जलवायु परिवर्तन है मुख्य कारण

वैज्ञानिकों को इस बैक्टीरिया को ढूंढने में बहुत मुश्किल हुई, क्योंकि विब्रियो पेक्टेनिसिडा की कुछ खास विशेषताएं इसे छिपाने में मदद करती थीं. इस बैक्टीरिया को ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की शोधकर्ता एमी चान ने अलग किया और इसका नाम FHCF-3 रखा गया. यह बैक्टीरिया गर्म पानी में ज्यादा सक्रिय होता है, और जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का तापमान बढ़ने से यह और खतरनाक हो सकता है.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें

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समंदर में फैली रहस्यमय बीमारी, समुद्री जीवों को खत्म कर रहा खतरनाक बैक्टीरिया

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