जबलपुर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनकर तैयार है।
जबलपुर में एमपी का सबसे लंबा फ्लाईओवर ब्रिज बनकर तैयार है। 23 अगस्त (शनिवार) को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका लोकार्पण करेंगे। फ्लाईओवर शुरू होने के बाद मदनमहल से दमोह नाका तक की दूरी सात मिनट
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इस फ्लाईओवर की खासियत यह भी है कि इसमें रेल मार्ग के ऊपर देश का सबसे लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज भी बना है। जिसकी लंबाई 385 मीटर है। इस फ्लाईओवर की लागत करीब 1100 करोड़ रुपए है। ब्रिज के नीचे 50 हजार पौधे, बास्केटबॉल कोर्ट और पार्क भी बनाए गए हैं।
2019 में हुआ था भूमिपूजन साल 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस ब्रिज का लोकार्पण किया था। केंद्र सरकार ने इसका निर्माण सीआरएफ से कराने का आदेश जारी किया था। उस समय इसकी लागत 800 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 1100 करीब करोड़ हो गई। सेंट्रल रिजर्व फंड से पहली बार किसी फ्लाईओवर के लिए इतनी राशि मिली है।

सितंबर 2023 में एक हिस्से का हुआ था लोकार्पण
7 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर ब्रिज के पूरा बनने के बाद उद्घाटन होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले 27 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम के दौरान छोटी लाइन से गुलाटी पेट्रोल पंप तक के फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण किया था, जिससे लोगों को काफी राहत मिली थी।

2023 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ब्रिज के एक हिस्से का उद्घाटन किया था।
लोकार्पण करने पहुंचे थे कांग्रेसी नेता
दो माह पहले कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता फ्लाईओवर ब्रिज का उद्घाटन करने मदनमहल पहुंचे थे, इस दौरान वहां मौजूद पुलिस ने पानी की बौछार कर कांग्रेसियों को रोक दिया था। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि लोक निर्माण मंत्री और जबलपुर सांसद के बीच चल रही खींचतान के कारण जनता के लिए फ्लाईओवर ब्रिज शुरू नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना 2014 में यूपीए 2 के शासन में सांसद विवेक तन्खा के प्रयास से इसकी नींव रखी गई थी।

फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण करने पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता।
निर्माण के दौरान फ्लाई ओवर में आई थी दरार
करीब 7 महीने पहले ब्रिज के निर्माण के दौरान रोटरी के समीप ऊपरी परत में क्रैक आने का मामला सामने आया था। जिसके बाद 1100 करोड़ रुपए की लागत में बन रहे प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए थे।
जिसके बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया और फ्लाई ओवर में आई दरारों का निरीक्षण करने भोपाल से उच्च स्तरीय जांच दल जबलपुर पहुंचा। जांच के बाद दल में शामिल अधिकारियों ने टेक्निकल स्टाफ से चर्चा की और एलिवेटेड कॉरिडोर के पेवमेंट में आई दरारों की वजह का पता लगाने के निर्देश दिए थे।

ब्रिज में निर्माण के दौरान दरार आने पर उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठे थे।
विवादों में रह चुके हैं प्रदेश के ब्रिज प्रदेश में बनने वाले ब्रिज का विवादों से भी नाता रहा है। भोपाल का ऐशबाग ओवरब्रिज अपने 90 डिग्री एंगल की डिजाइन के लिए देशभर में चर्चा का विषय बना। इसके अलावा इंदौर का ब्रिज भी अपने जेड आकार के चलते विवादों में रहा है।
एमपी में बने महत्वपूर्ण फ्लाईओवर ओवरब्रिज
- भोपाल – ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज: लगभग 648 मीटर लंबा, 18 करोड़ की लागत।
- भोपाल – डॉ. भीमराव आंबेडकर फ्लाईओवर: 2.9 किलोमीटर लंबा, 154 करोड़ लागत।
- इंदौर – चार फ्लाईओवर एक साथ: 222.25 करोड़ की लागत।
भारत का सबसे लंबा फ्लाईओवर हैदराबाद में भले ही मप्र का सबसे लंबा फ्लाईओवर ओवरब्रिज जबलपुर में बनकर तैयार हो रहा है, लेकिन देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर ओवरब्रिज हैदराबाद में है। यह ब्रिज 2022 में बनकर तैयार हुआ विश्वेश्वरैया फ्लाईओवर ब्रिज की लंबाई 11.6 किलोमीटर है।
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