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New Study on Gut Health: हमारे पेट में एक अनोखा प्रोटीन होता है, जो ब्रेन को सिग्नल भेजकर भूख को कंट्रोल करता है. इसकी वजह से वजन और मूड भी प्रभावित होता है. वैज्ञानिकों ने इसे पेट का सिक्स्थ सेंस बताया है.
हाइलाइट्स
- पेट का सिक्स्थ सेंस ब्रेन को सिग्नल भेजता है.
- फ्लैजेलिन प्रोटीन भूख और मूड को प्रभावित करता है.
- न्यूरोपॉड्स पेट भरने का सिग्नल ब्रेन को भेजते हैं.
नई रिसर्च सिर्फ भूख और मोटापे तक ही सीमित नहीं है. वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर हमारी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया दिमाग को सिग्नल भेज सकते हैं, तो इसका असर हमारे मूड, एंजायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियों पर भी हो सकता है. आसान भाषा में कहें तो हमारा पेट हमारे दिमाग को खुश या उदास कर सकता है. यह सब माइक्रोबियल प्रोटीन के जरिए हो सकता है. हमें लगता है कि शरीर में बैक्टीरिया नुकसानदेह होते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि हमारे शरीर में लगभग 100 ट्रिलियन माइक्रोबियल कोशिकाएं होती हैं, जो मानव कोशिकाओं से भी ज्यादा हैं. ये छोटे-छोटे जीवाणु हमारे शरीर के हर हिस्से में पाए जाते हैं. अब पता चल रहा है कि वे हमारे व्यवहार और फैसलों को भी प्रभावित कर सकते हैं.
वैज्ञानिक अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि अलग-अलग तरह के फूड हमारे माइक्रोबायोम यानी आंत में रहने वाले बैक्टीरिया को कैसे प्रभावित करते हैं और यह माइक्रोबायोम हमारे दिमाग और भावनाओं पर क्या असर डालता है. यह रिसर्च मोटापे, तनाव और मानसिक बीमारियों के इलाज की नई दिशा खोल सकती है. अगली बार जब आपको कोई गट फीलिंग आए, तो उसे हल्के में न लें. शायद आपकी छठी इंद्रिय ही आपको कुछ बता रही हो.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें