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पूर्व ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल ने नया AI स्टार्टअप Parallel Web Systems लॉन्च किया है. ये प्लेटफॉर्म GPT-5 से भी बेहतर रिसर्च इंजन देने का दावा कर रहा है. कंपनी ने अब तक 30 मिलियन डॉलर फंडिंग जुटाई है.

ये कंपनी क्लाउड प्लेटफॉर्म पर काम करती है, जिसका मकसद है AI सिस्टम्स को ऑनलाइन रिसर्च करने में मदद करना है. आसान भाषा में कहा जाए तो ये स्टार्टअप AI को इंटरनेट पर सर्च करने, जानकारी को इकट्ठा करने, जांचने और उसे वेरिफाई करने की काम करता है.
Parallel कैसे काम करता है?
कंपनी के ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक Parallel ने आठ अलग-अलग ‘रिसर्च इंज़िन’ तैयार किए हैं. इनमें से सबसे तेज़ इंजन एक मिनट से भी कम समय में जानकारी जुटा सकता है, जबकि सबसे एडवांस इंजन Ultra8x लगभग 30 मिनट तक डीप रिसर्च कर सकता है.
कैसे इस्तेमाल होगा ये Parallel?
Parallel का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर…
-AI कोडिंग असिस्टेंट्स सीधे GitHub से कोड स्निपेट्स खींच सकते हैं.
-रिटेल कंपनियां अपने प्रतियोगियों के प्रोडक्ट कैटलॉग पर नज़र रख सकती हैं.
-मार्केट एनालिस्ट्स रिव्यूज़ को आसानी से स्प्रेडशीट में कंपाइल कर सकते हैं.
डेवलपर्स भी इसे अपने ऐप्स और चैटबॉट्स में Parallel के तीन अलग-अलग APIs की मदद से जोड़ सकते हैं, जिनमें एक कम-लेटेंसी वाला ऑप्शन खास चैटबॉट्स के लिए तैयार किया गया है.
Afreen Afaq has started her career with Network 18 as a Tech Journalist, and has more than six years experience in ‘Mobile-Technology’ beat. She is a high-performing professional with an established and proven …और पढ़ें
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