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Satna News: हैरानी की बात यह है कि इस तरह का सतना में यह दूसरा मामला है. 22 जुलाई को कोठी तहसील के नयागांव के रहने वाले रामस्वरूप को आय प्रमाण पत्र जारी हुआ, जिसमें उनकी वार्षिक आय केवल तीन रुपये दर्ज की गई. तह…और पढ़ें
सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिले में अजीबोगरीब आंकड़े वाले आय प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं. उचेहरा तहसील के अमदरी गांव निवासी संदीप कुमार नामदेव का आय प्रमाण पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उनकी सालाना आय शून्य दर्शाई गई है. 7 अप्रैल 2025 को जारी यह दस्तावेज 28 जुलाई को सामने आया, जिसने लोगों को चौंका दिया. इस मामले में परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि जांच के दौरान गलती पाई गई और 20 जुलाई को यह प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया. संदीप को इसके बाद 40 हजार रुपये सालाना आय का नया प्रमाण पत्र जारी किया गया.
हैरानी की बात यह है कि सतना में इस तरह का यह दूसरा मामला है. 22 जुलाई को कोठी तहसील के नयागांव निवासी रामस्वरूप को आय प्रमाण पत्र जारी हुआ, जिसमें उनकी सालाना आय केवल तीन रुपये दर्ज की गई थी. यह प्रमाण पत्र तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी हुआ था. बाद में उन्हें भी नया प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसमें सालाना आय 30 हजार रुपये दर्ज की गई.
कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती
जब इस तरह की बार-बार हो रही गलतियों पर सवाल उठे, तो परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा ने बताया कि लोक सेवा केंद्रों में न्यूनतम वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जाते हैं. इन्हीं की लापरवाही से ऐसी त्रुटियां सामने आ रही हैं.
जब इस तरह की बार-बार हो रही गलतियों पर सवाल उठे, तो परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा ने बताया कि लोक सेवा केंद्रों में न्यूनतम वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जाते हैं. इन्हीं की लापरवाही से ऐसी त्रुटियां सामने आ रही हैं.
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
मामलों के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस. ने सभी कंप्यूटर ऑपरेटरों को उचित प्रशिक्षण देने के निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की फजीहत से बचा जा सके.
मामलों के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस. ने सभी कंप्यूटर ऑपरेटरों को उचित प्रशिक्षण देने के निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की फजीहत से बचा जा सके.
नाराजगी और व्यंग्य दोनों ही
बहरहाल लगातार सामने आ रही इन चूक भरे मामलों को लेकर सतना के लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी और व्यंग्य दोनों ही जाहिर कर रहे हैं. कोई इसे सरकारी लापरवाही बता रहा है, तो कोई इसे प्रशासन की अनदेखी कह रहा है.
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